दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में रविवार को खेले गए एशिया कप फाइनल के बाद एक अभूतपूर्व घटना देखने को मिली। खिताबी जीत दर्ज करने के बावजूद भारतीय टीम को ट्रॉफी नहीं सौंपी गई, क्योंकि खिलाड़ियों ने एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) अध्यक्ष और पाकिस्तान के गृहमंत्री व पीसीबी प्रमुख मोहसिन नक़वी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया।
भारत ने पाकिस्तान को पांच विकेट से हराकर नौवीं बार एशिया कप अपने नाम किया, लेकिन इस जीत के बाद ट्रॉफी और मेडल वितरण नहीं हुआ।
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने कहा,“जबसे मैंने क्रिकेट खेलना और देखना शुरू किया है, मैंने कभी नहीं देखा कि चैंपियन टीम को ट्रॉफी से वंचित कर दिया जाए। यह हमारी मेहनत की कमाई है और हमें इसका हक था। मेरे लिए असली ट्रॉफी वो 14 खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ हैं, जो मेरे ड्रेसिंग रूम में हैं।”
सूर्यकुमार ने यह भी घोषणा की कि वह एशिया कप में खेले गए सभी मैचों की फीस भारतीय सेना को दान करेंगे। उन्होंने कहा,“मैंने इस टूर्नामेंट में जो भी मैच फीस कमाई है, वह भारतीय सेना को देना चाहता हूं।”
खेल खत्म होने के बाद करीब डेढ़ घंटे तक भारतीय टीम ट्रॉफी का इंतजार करती रही, लेकिन कोई पुरस्कार वितरण नहीं हुआ। देर रात खिलाड़ी खुद मंच पर पहुंचे और अपनी जीत का जश्न मनाया।
इस पर हंसते हुए सूर्यकुमार बोले,“हम डेढ़ घंटे तक जश्न मनाने का इंतजार कर रहे थे। यहां तक कि ‘चैंपियंस’ का बोर्ड आया और फिर वापस चला गया। वो भी मैंने देखा।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पाकिस्तानी पत्रकार ने टीम इंडिया के व्यवहार को राजनीति और खेल को जोड़ने वाला बताते हुए सवाल किया। इस पर मीडिया मैनेजर ने सवाल को टाल दिया, जबकि सूर्यकुमार ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया,“गुस्सा हो रहे हो आप।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या बीसीसीआई ने पहले से एसीसी को सूचित किया था कि टीम नक़वी से ट्रॉफी नहीं लेगी, तो उन्होंने कहा,“यह निर्णय हमने मैदान पर ही लिया था। हमें कोई निर्देश नहीं मिले थे।”
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