की प्रथम महिला डॉ. वंदना बिश्नोई ने कहा है कि नवरात्र शक्ति, भक्ति और सामूहिक उत्सव
का प्रतीक हैं।इसमें गरबा नृत्य केवल मनोरंजन ही नहीं बल्कि माता दुर्गा की आराधना
और सामूहिक एकता का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं को भारतीय
संस्कृति और परंपराओं से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
डा. वंदना बिश्नोई मंगलवार काे विश्वविद्यालय के कस्तूरबा भवन (गर्ल्स हॉस्टल-1) में हुए
गरबा-डांडिया नाइट के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रही थी। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि
के रूप में श्रीमती रजनी शर्मा, डॉ. सत्य सावंत तथा श्रीमती पंकज संधीर उपस्थित रहीं।
मुख्यातिथि डा. वंदना बिश्नोई ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में
सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं तथा देश की विविधतापूर्ण गौरवमयी संस्कृति को विद्यार्थियों
तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महिला छात्रावास की चीफ वार्डन प्रो. सुजाता
सांघी ने कहा कि गरबा और डांडिया हमें सहयोग, अनुशासन और सामूहिकता की भावना सिखाते
हैं। यह नवरात्र पर्व जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और नए उत्साह का संचार करता है। कार्यक्रम
का संयोजन डॉ. अनीता रानी गिल, कोऑर्डिनेटर गर्ल्स हॉस्टल-1 एवं श्रीमती कृष्णा देवी,
वार्डन गर्ल्स हॉस्टल-1 द्वारा किया गया। रंग-बिरंगी सजावट, झिलमिलाती रोशनी और पारंपरिक
परिधानों में सजी छात्राओं ने वातावरण को उत्सवमय बना दिया। छात्राओं ने संगीत की धुनों
पर डांडिया नृत्य प्रस्तुत कर समां बांध दिया। इस अवसर पर महिला छात्रावास की डिप्टी चीफ वार्डन
डॉ. विनिता माथुर भी मौजूद रहीं। कार्यक्रम में अन्य अतिथियों में प्रो. सोनिका, प्रो.
वंदना, डॉ. प्रज्ञा कौशिक और डॉ. सुमन सम्मिलित रहीं। इस अवसर पर छात्रावास कोऑर्डिनेटर
डॉ. अनु गुप्ता, डॉ. अंजू गुप्ता, डॉ. संतोष भुक्कल, डॉ. वंदना नागल, लेडी वार्डन ऋतु
यादव, ज्योति मेहता एवं छात्रावास स्टाफ भी उपस्थित रहे और उन्होंने छात्राओं का उत्साहवर्धन
किया।