पेरिस में बैठक के बाद बोले मैक्रों और जेलेंस्की, यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी और रूस पर नए प्रतिबंधों की तैयारी

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मैक्रों ने कहा कि रक्षा प्रमुखों और योजनाकारों के नेतृत्व में सुरक्षा गारंटी का ढांचा तैयार किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 35 देशों ने सैन्य और राजनीतिक सहयोग के लिए सहमति जताई है। इनमें से 26 देशों ने स्पष्ट प्रस्ताव दिए हैं कि वे किस तरह की गारंटी देंगे। मैक्रों के मुताबिक, “अब यूक्रेन की रक्षा में कोई सीमा नहीं है। जमीनी, समुद्री और हवाई हर स्तर पर सहयोग दिया जाएगा।”

उन्होंने यह भी पुष्टि की कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत हुई है और आने वाले दिनों में अमेरिका की भूमिका को अंतिम रूप दिया जाएगा। मैक्रों ने चेतावनी दी कि अगर रूस शांति वार्ता की शर्तों को मानने से इनकार करता है तो अमेरिका और यूरोपीय सहयोगी देशों के साथ मिलकर कड़े कदम उठाए जाएंगे।

दूसरी ओर, जेलेंस्की ने कहा कि उद्देश्य साफ है- “जंग को जितनी जल्दी हो सके खत्म करना और यूक्रेन को पुख्ता सुरक्षा गारंटी देना।” उन्होंने जोर दिया कि एक मजबूत यूक्रेनी सेना ही सुरक्षा की कुंजी है और इसके लिए प्रशिक्षण, हथियार निर्माण व खरीद की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

जेलेंस्की ने कहा कि रूस पर आर्थिक दबाव और अधिक बढ़ाना होगा ताकि उसकी “वार मशीन” को संसाधन न मिलें। उन्होंने हवाई सुरक्षा को “सबसे अहम जरूरत” बताया ताकि रूस के रात्रिकालीन हमलों से नागरिकों की जान बचाई जा सके।

उन्होंने यह भी दोहराया कि नई गारंटी लंबे समय तक लागू रहने वाली होनी चाहिए, न कि बुडापेस्ट मेमोरेंडम या मिन्स्क समझौतों की तरह असफल। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि गारंटी को देशों की संसदों से कानूनी मान्यता दी जानी चाहिए।