सोनीपत: क्षमा भाव से अहंकार, ईर्ष्या, मद और लोभ खत्म होगा: गुप्ति सागर

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चतुर्दशी पर्व

सोनीपत, 6 सितंबर । सोनीपत

में उपाध्याय 108 गुप्ति सागर महाराज के सानिध्य में अनंत चतुर्दशी का पर्व श्रद्धा

और उल्लास से मनाया गया। मंदिरों में पूजा-अर्चना के बाद शांतिधारा की गई तथा 12वें

तीर्थंकर वासुदेव पूज्य भगवान के निर्वाण दिवस पर लड्डू अर्पित किया गया। शनिवार

को गुप्ति सागर महाराज ने प्रवचन में कहा कि पर्युषण महापर्व आत्मा की शुद्धि और पवित्रता

का अवसर प्रदान करता है।

इस दौरान आत्मनिरीक्षण कर हम अपने जीवन को नया दृष्टिकोण और

शांति दे सकते हैं। भाग्य को दोष देने के बजाय अपने कर्मों पर ध्यान केंद्रित करना

चाहिए। जब भीतर क्षमा का भाव जागृत होता है तो अहंकार, ईर्ष्या, मद और लोभ जैसे विकार

स्वतः समाप्त हो जाते हैं। नगर

निगम मेयर राजीव जैन और पूर्व मंत्री कविता जैन ने अपने पुत्र दिव्यांक जैन के साथ

आचार्य विद्यासागर महाराज के चित्र का अनावरण किया।

उन्होंने भगवान की शांतिधारा कर

आरती की और जैन समाज को पर्व की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि दशलक्षण धर्म का पालन

कर ही मानव जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है। कार्यक्रम

में बाल ब्रह्मचारिणी रंजना शास्त्री, अधिवक्ता सुरेश जैन, हेमंत भूषण जैन, राजेश जैन,

संचित जैन, पियूष जैन, अंकित जैन, जिनेन्द्र जैन, मुकेश जैन, सुबोध जैन, मुनीष जैन

सहित अनेक धर्मप्रेमी उपस्थित रहे।