लुत्ती बांध हादसा : एक ही परिवार के पांच लोगों की उठी अर्थी, गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार

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मिली जानकारी अनुसार, राम वृक्ष ने अपनी मृत पत्नी का हिंदू परंपरा के अनुसार मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया। वहीं उसी दो बहुएं गर्भवती थी, इसीलिए दोनों बहुएं और दोनों बच्चों को दफनाया गया। वहीं हादसे में अभी दो लापता है जिसमें एक बच्चा और वृद्ध शामिल है। जिनका अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। इधर, हादसे में इकलौते बचे राम वृक्ष का रो रोकर बुरा हाल है। किसी से बात करने तक की स्थिति में नहीं है।

उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ जिले के बलरामपुर में धनेशपुर ग्राम में बीते मंगलवार की रात करीब 10 बजे पानी से लबालब भरा लुत्ती बांध अचानक टूट गया। जिससे पूरा पानी एक साथ कहर बनकर गांव वालों पर टूटा। जिसमें राम वृक्ष का पूरा परिवार और घर एक साथ बह गया। जबकि किसी तरह राम वृक्ष अपने आप बचा लिया। इस हादसे में राम वृक्ष की पत्नी बतशिया (61वर्ष ), बहुएं चिंता (35वर्ष ), रजंती (28वर्ष ), पोता कार्तिक (6अ) पोती प्रिया (9 वर्ष ) का शव पुलिस और एनडीआरएफ की मदद से बरामद हो गया है। वहीं मृतिका रजंती की बेटी वंदना सिंह (3वर्ष ) और एक बुजुर्ग जीतन खैरवार (65 वर्ष ) अभी भी लापता हैं।

लुत्ती बांध हादसा अपने पीछे कभी न भूलने वाला गम दे गया है। जिन्होंने अपनों को खोया है प्रशासन ने आर्थिक मदद तो की है लेकिन इससे उनका घाव नहीं भरेगा। हंसता खेलता परिवार एक झटके में उजड़ गया। एक ही घर में एक साथ पांच लोगों की अर्थी उठी। जैसे कोई सपना हो। चश्मदीदों के अनुसार, उन्हें अभी भी यकीन नहीं हो रहा है कि, यह सपना है या हकीकत। कल तक जो आंगन में एक साथ बैठकर हंसी ठिठोली किया करते थे, बच्चों की किलकारी जो पूरे घर में सुनाई देती थी आज सब शांत हो गई है। मुखाग्नि देते समय राम वृक्ष के कांपते हाथ मानो गवाही दे रहे हो कि यह हादसा उनके जीवन का अनमोल चीज ले गया हो।

प्रशासन पर लापरवाही का आरोप

हादसे में अपने खोए परिजनों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि, बीते तीन वर्षों से डैम लीक कर रहा था लेकिन जल संसाधन विभाग ने इसकी मरम्मत नहीं कराई जिससे यह हादसा हुआ है। इधर, जल संसाधन विभाग के ईई एनपी डहरिया का कहना है कि, बांध में कोई भी लीकेज नहीं था। बांध बारिश के कारण टूटा है। बहरहाल, मामला जो ही हो यह घटना दुबारा न हो इसके लिए प्रशासन को तैयार रहना होगा।