एसपी परिहार ने बताया कि वर्ष 2024 की तुलना में इसी अवधि में 2025 में लगभग सभी प्रमुख अपराधों में 15 से 20 प्रतिशत की कमी आई है, जो पुलिस की सतत निगरानी और सक्रियता का परिणाम है। उन्होंने सभी अधिकारियों को टीम भावना से कार्य करने, लंबित अपराधों, मर्ग और शिकायतों का त्वरित निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
बैठक में वर्षवार एवं अपराध-शीर्षवार लंबित मामलों, चालान व मर्ग की स्थिति की समीक्षा की गई। महिला संबंधी अपराधों का शीघ्र निराकरण, लंबित समंस, वारंट और स्थायी वारंट की अद्यतन स्थिति पर चर्चा की गई। चाकूबाजी, नशा, आर्म्स एक्ट, जुआ-सट्टा और आबकारी एक्ट के तहत हुई कार्यवाहियों की तुलनात्मक जानकारी प्रस्तुत की गई। साथ ही निगरानी व गुण्डा बदमाशों की सूची, नई फाइल खोलने, जिला बदर हेतु चिन्हांकन और नशे के मामलों में जब्त वाहनों की जानकारी पर विशेष रूप से विचार हुआ।
एसपी ने गौ-तस्करी, अप्रवासी चेकिंग, महिला सुरक्षा, नशा नियंत्रण और चाकूबाजी जैसे अपराधों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए। नशा और जुआ-सट्टा के खिलाफ निरंतर कार्रवाई जारी रखने, फरार आरोपियों की धरपकड़ करने तथा आदतन अपराधियों पर विशेष नजर रखने पर जोर दिया। विभिन्न लापरवाहियों पर थाना प्रभारियों एवं विवेचकों को 13 कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए। त्योहारों को लेकर भी एसपी ने दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने गणेश विसर्जन और ईद मिलाद-उन-नबी के अवसर पर विशेष सतर्कता बरतने, जुलूस मार्गों का चिन्हांकन करने, भीड़ नियंत्रण हेतु अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था करने तथा किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के निर्देश दिए। गुण्डा और निगरानी बदमाशों पर बाउंड ओवर की कार्रवाई अनिवार्य रूप से करने के भी निर्देश दिए गए।
इस बैठक में एएसपी मणिशंकर चन्द्रा, एसडीओपी नगरी शैलेंद्र कुमार पांडेय, सीएसपी अभिषेक चतुर्वेदी, डीएसपी मीना साहू, डीएसपी मोनिका मरावी, एसडीओपी कुरूद रागिनी मिश्रा, रक्षित निरीक्षक दीपक शर्मा सहित सभी थाना/चौकी प्रभारी, यातायात, महिला सेल, साइबर सेल एवं अन्य शाखा प्रभारी उपस्थित रहे।
एसपी परिहार ने कहा कड़ी निगरानी और लंबित मामलों के शीघ्र निराकरण से ही अपराध नियंत्रण संभव है। आगामी त्योहारों में जनशांति बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।