बीएमओ करसोग डॉ गोपाल चौहान और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर इशू मेहता के प्रयासों से अस्पताल में दो महिलाओं की बच्चेदानी के कैंसर के लिए जांच की गई। जांच उपरान्त, बीएमओ करसोग डॉ गोपाल चौहान ने बताया कि यह जांच माइनर ऑपरेशन थियेटर में एसिटिक ऐसिड तकनीक के माध्यम से की गई। उन्होंने बताया कि यह एक बहुत ही सरल प्रक्रिया है, जिसमें 5 प्रतिशत एसिटिक ऐसिड महिला की बच्चेदानी में लगाया जाता है और एक मिनिट तक महिला को एग्जामिन किया जाता है । अगर एक मिनट में बच्चेदानी के मुख का रंग सफेद हो जाए तो उसमें कैंसर की आगामी जांच शुरू की जाती है और यदि नॉर्मल हो तो उस महिला को पांच वर्ष बाद दोबारा ये टेस्ट करने के लिए बुलाया जाता है ।
डॉ. गोपाल चौहान इससे पूर्व, इस कार्यक्रम में राज्य अधिकारी के रूप में सेवाएं दे चुके है और राज्य में कैंसर स्क्रीनिंग के मास्टर ट्रेनर भी है। इस क्षेत्र में इनकी ट्रेनिंग दिल्ली के प्रतिष्ठित एम्स संस्थान में हुई है। उन्होंने बताया कि डॉ इशू मेहता एक मेहनती गाइनकोलॉजिस्ट है और कुछ समय में हम उनके साथ मिलकर करसोग के सभी डॉक्टर्स, नर्सेज और सीएचओ को इसमें ट्रेनिंग देने की भी योजना हैं ताकि किसी भी महिला में बच्चेदानी के कैंसर का पता शुरुआती चरण में ही लगाया जा सके और समय रहते इलाज शुरू किया जा सके।
डॉ. गोपाल चौहान ने बताया कि बच्चेदानी के कैंसर का इलाज पूर्णतः संभव है यदि इसका शुरू में ही पता चल सके। उन्होंने बताया कि करसोग अस्पताल में हुई इस पहल से करसोग क्षेत्र की महिलाएं लाभान्वित होगी और बच्चेदानी के कैंसर से उन्हें बचाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि वार्ड सिस्टर संध्या और स्टाफ नर्स टीना भी टीम में शामिल थी।