भूतपूर्व सैनिक कोटे का लाभ लेने के बाद परिवीक्षा के आधार पर नहीं लिया जा सकता वापस फायदा

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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने जूनियर अकाउंटेंट भर्ती में भूतपूर्व सैनिक कोटे में भाग लिया था। उसके इस वर्ग की कट ऑफ से अधिक अंक आए थे। वहीं उसे यह कहते हुए नियुक्ति से वंचित कर दिया कि भूतपूर्व सैनिक कोटे के तहत वीडीओ पद पर लगा हुआ है। जबकि वह इस पद पर दो साल के लिए परिवीक्षा पर है। ऐसे में बतौर अस्थाई कर्मचारी, वह जूनियर अकाउंटेंट भर्ती में भूतपूर्व सैनिक कोटे का लाभ लेने का अधिकारी है। इसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता संदीप माहेश्वरी ने कहा कि याचिकाकर्ता नियमित भर्ती में चयनित होकर वीडीओ के स्थाई पद पर नियुक्त हुआ था। ऐसे में केवल परिवीक्षा के आधार पर उसे अस्थाई कर्मचारी नहीं कहा जा सकता। जब कोई भूतपूर्व सैनिक नियमित रोजगार प्राप्त कर लेता है तो वह इस श्रेणी के तहत आगे आरक्षण प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं रहता है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि परिवीक्षा अस्थाई नियुक्ति के समान नहीं है और इससे उसकी नियुक्ति का कानूनी स्वरूप नहीं बदलता है।