तेज बारिश से शहर के अंबेडकर चौक, रत्नाबांधा, ब्रम्हवौक सहित कई जगहों पर पानी भर गया। कच्ची गलियों और सड़कों पर कीचड़ हो गई। बारिश थमने के बाद मौसम खुला तो लोगों ने राहत की सांस ली।
कृषि क्षेत्र पर भी बारिश का मिला-जुला असर देखने को मिला। लेट वेरायटी के धान फसल के लिए यह वर्षा फायदेमंद साबित हो रही है, जबकि अर्ली वेरायटी के धान फसल नुकसान झेल रहे हैं। खेतों में लहलहा रही बालियों पर तेज बौछार और आंधी-तूफान से धान का वजन बढ़ने से पौधे जमीन पर गिरने लगे हैं, जिससे फसल सड़ने और कीट प्रकोप की आशंका बढ़ गई है।
जिले में औसत 943 मिमी वर्षा दर्ज की गई है
अभिलेख शाखा से मिली जानकारी के अनुसार, एक जून से अब तक जिले में औसत 943 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। इसमें कुकरेल तहसील में सर्वाधिक 1279 मिमी, नगरी में 1095 मिमी, धमतरी में 1055 मिमी, कुरूद में 844 मिमी, भखारा में 876 मिमी, बेलरगांव में 871 मिमी और मगरलोड तहसील में सबसे कम 678 मिमी वर्षा दर्ज हुई है।