एशिया कप से अफगानिस्तान की निराशाजनक विदाई के बाद टीम के मुख्य कोच जोनाथन ट्रॉट ने कहा कि कई बार असफलता टीम को दोबारा संगठित होने का मौका देती है। अफगानिस्तान को इस बार प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन लगातार बांग्लादेश और श्रीलंका से मिली हार ने उनका अभियान जल्द खत्म कर दिया।
ग्रुप-बी के आखिरी मुकाबले में श्रीलंका ने अफगानिस्तान को छह विकेट से हराकर सुपर-4 में जगह बनाई। इस परिणाम से बांग्लादेश की भी राह खुल गई, जबकि अफगानिस्तान का सफर खत्म हो गया। मोहम्मद नबी की तूफानी 22 गेंदों पर 60 रनों की पारी से टीम 169/8 तक पहुंची थी, लेकिन यह स्कोर भी जीत दिलाने के लिए काफी नहीं रहा।
मैच के बाद ट्रॉट ने कहा,“यह बेहद निराशाजनक और कठिन हार है। हमें लगा था कि 170 का स्कोर नबी की पारी के बाद अच्छा है। मगर श्रीलंका ने शानदार बल्लेबाजी की और हमारी गेंदबाजी व फील्डिंग में हुई गलतियों ने उन्हें और बढ़त दिलाई। पावरप्ले में हमारी शुरुआत खराब रही और बल्लेबाजी, गेंदबाजी व फील्डिंग—तीनों में हमने साधारण गलतियां कीं। ऐसे में जीतना मुश्किल हो जाता है।”
ट्रॉट ने आगे कहा,“हम यहां बड़े लक्ष्य लेकर आए थे, लेकिन उन्हें हासिल नहीं कर सके। अब हमें यह सोचना होगा कि कहाँ कमी रह गई। आने वाले महीनों में टी20 विश्व कप भी है, ऐसे में हमें तुरंत सुधार की जरूरत है। उम्मीद है यह असफलता हमें दोबारा मजबूती से लौटने का सबक देगी।”
उन्होंने तेज गेंदबाज नवीन-उल-हक की गैरमौजूदगी को भी टीम की बड़ी कमी बताया।
उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से नवीन चोटिल थे। अगर वे फिट होते तो हालात अलग हो सकते थे। हमें सही गेंदबाजों की उपलब्धता पर भी काम करना होगा।”
उधर, श्रीलंका के बल्लेबाज कुसल मेंडिस ने अफगान स्पिनरों के खिलाफ टीम की रणनीति पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा,“शुरू से हमें पता था कि वे ज्यादा स्पिन डालेंगे। इसलिए मैंने और कुसल परेरा ने पहले 12 ओवर सामान्य खेला। बाद में रनरेट बढ़ा और हम आसानी से लक्ष्य की ओर बढ़ते गए। हमारी योजना थी कि खेल को लंबा खींचें और जब तेज गेंदबाज आएं, तो मौके का फायदा उठाएं। बीच में कुछ बड़े शॉट लगे और हमें फायदा मिला। सच कहें तो अफगानिस्तान के पास अच्छे स्पिनर हैं, लेकिन हमारी रणनीति कारगर रही।”