कार्यशाला में एडीजी ने साफ कहा कि जनता की शिकायतों के निस्तारण में पारदर्शिता, संवेदनशीलता और समयबद्धता बेहद जरूरी है। थानों पर तैनात निरीक्षकों व उपनिरीक्षकों को शिकायतें समानुपातिक रूप से आवंटित करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिकायतकर्ता की संतुष्टि और उसका फीडबैक ही अधिकारियों के काम का असली पैमाना होगा।
एडीजी ने कहा कि आईजीआरएस, पीजी पोर्टल, मुख्यमंत्री संदर्भ व हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों की रेंज और जिले दोनों स्तरों पर गहन समीक्षा होगी। किसी भी अधिकारी द्वारा लापरवाही बरतने या मिथ्या/भ्रामक रिपोर्ट लगाने पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
इस दौरान आईजीआरएस शाखा में काम कर रहे अधिकारियों व कर्मचारियों को उनके सुझावों व कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। एडीजी ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य पुलिस व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी व उत्तरदायी बनाना है।