इसके अलावा कॉलेज, तकनीकी संस्थाएं सलम एरिया तथा स्कूलों से छूटे हुए बच्चों के लिए लगभग एक लाख तीन हजार चार सौ 34 का लक्ष्य है। वहीं एक से पांच वर्ष तक के 71 हजार सात सौ 60 बच्चे हैं, जिन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से कवर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कृमि संक्रमण के कारण बच्चों और किशोर-किशोरियों में कुपोषण और खून की कमी (एनीमिया) हो सकती है, जिससे वे हमेशा थका हुआ महसूस करते हैं। इसके अलावा, यह उनके संपूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास को भी बाधित करता है।
उन्होंने बताया कि जो बच्चे 26 अगस्त को किसी कारणवश दवा नहीं ले पाएंगे, उनके लिए दो सितंबर को एक ‘मॉप-अप दिवस’ आयोजित किया जाएगा। इस दिन छूटे हुए बच्चों को दवा अवश्य खिलवाएं, ताकि कोई भी बच्चा इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम से वंचित न रहे। नगराधीश ने शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा पंचायती विभाग के अधिकारियों को इस अभियान के संबंध में जिम्मेदारियां सौंपी। इस बैठक में सीएमओ डॉ. अशोक कुमार, डॉ विजय यादव, डीडीपीओ हरिप्रकाश बंसल, तथा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन से अनिल शर्मा के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।