उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम पशुधन की रक्षा और किसानों की आजीविका को सुरक्षित रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह अभियान भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी) के अंतर्गत सात सितम्बर 2025 तक चलेगा। जिले भर में 37 टीमें गठित की गई हैं। प्रत्येक टीम में एक पशु चिकित्सा अधिकारी, एक पशुधन प्रसार अधिकारी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सहित कुल पाँच सदस्य कार्यरत रहेंगे। अभियान के दौरान सभी टीमें शीत श्रृंखला व्यवस्था के साथ पशुचिकित्सा वाहनों से क्षेत्रवार टीकाकरण करेंगी।
इस चरण में 5,26,370 गोवंश एवं महिषवंशीय पशुओं को निःशुल्क टीका लगाया जाएगा, जिनमें 1,39,400 गोवंश और 3,86,970 महिषवंश शामिल हैं। छोटे पशुओं पर टीकाकरण नहीं किया जाएगा। चार माह से कम आयु के पशुओं एवं गर्भित मादाओं को भी इस चरण में शामिल नहीं किया गया है। ऐसे पशु जो किसी कारणवश टीकाकरण से छूट जाएंगे, उन्हें अगले चरण में शामिल किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अभियान के दौरान व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ग्रामीण क्षेत्रों में टीमें समयबद्ध पहुंचें और कोई पशु टीकाकरण से वंचित न रह जाए। उन्होंने पशुपालकों से अपील की कि वे अपने पशुओं को अनिवार्य रूप से टीकाकरण हेतु उपलब्ध कराएं, जिससे यह रोग जड़ से समाप्त हो सके।