स्पेशल सेल के डीसीपी अमित कौशिक ने रविवार को पुलिस मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर बताया कि करनबीर को आर्म्स एक्ट के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। जिसकी जांच स्पेशल सेल कर रही है। पूछताछ में उसने ग्रेनेड हमले में अपनी संलिप्तता कबूल की है। आगे मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा की जा रही है।
डीसीपी के अनुसार स्पेशल सेल को इस आतंकी मॉड्यूल की जानकारी तब मिली जब 22 जुलाई को आकाशदीप उर्फ बज्ज को इंदौर (मध्य प्रदेश) से पकड़ा गया। वह भी किला लाल सिंह थाने पर हुए हमले में शामिल था। आकाशदीप की गिरफ्तारी के बाद उससे हुई पूछताछ में करनबीर का नाम सामने आया। डीसीपी के अनुसार पूछताछ में करनबीर ने बताया कि वह सोशल मीडिया ऐप्स के माध्यम से विदेश में बैठे एक बीकेई हैंडलर के संपर्क में था। उसे हमले के लिए फंड भी विदेश से मिला था। इतना ही नहीं, हमले को अंजाम देने वाले दो आतंकियों को करनबीर ने अपने घर पर रुकवाया भी था। पुलिस के अनुसार, करनबीर का भाई गुरसेवक भी इस हमले में शामिल था और उसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि हमले के बाद हैप्पी पासिया, मनु अगवान और गोपी नवांशहरिया नामक आतंकियों ने सोशल मीडिया पर हमले की जिम्मेदारी ली और दिल्ली को भी धमकी दी थी।