गंदा पानी और बदबू अब नासूर बन गई है। शिवरात्रि जैसे पर्व पर भी जमा गंदे पानी से दुकानदारों का काम प्रभावित हुआ। दुकानदारओं ने प्रशासन
के विरुद्ध प्रदर्शन कर बुधवार को यह जताया कि उनके सब्र का बांध टूट चुका है। समस्या
कोई नई नहीं, बल्कि बीते बीस वर्षों से यह जलभराव स्थानीय व्यापारियों की रोज़ी-रोटी
पर कुठाराघात करता आ रहा है।
दुकानदारों का कहना है कि गंदगी, बदबू और लगातार जलभराव के
कारण ग्राहक आना बंद हो गए हैं। कई दुकानदार दुकानें बेचने तक को मजबूर हो गए हैं।
उनका आरोप है कि नगर निगम सिर्फ दिखावे की सफाई करता है, जबकि असली समस्या की तरफ कोई
ध्यान नहीं दिया जाता।
शंभु स्कूल के पास बने पंपिंग स्टेशन की मोटर बार-बार जल जाती
है, क्योंकि नालियों के ज़रिये बहकर आया कूड़ा और प्लास्टिक उसमें फंस जाता है। नतीजा
पंपिंग रुक जाती है और गंदा पानी वहीं जमा रह जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि
अंडर ब्रिज के आसपास जानबूझकर कूड़ा फेंका जाता है, लेकिन नगर निगम के कर्मचारी सिर्फ
साफ-सुथरे इलाकों में ही सफाई करते हैं।
व्यापारियों ने बार-बार शिकायतें और प्रदर्शन किए, मगर स्थायी
समाधान अब तक नहीं निकाला गया। लोगों का कहना है कि जलभराव ने न केवल उनके व्यापार
को चौपट किया, बल्कि आवागमन और स्वास्थ्य दोनों के लिए खतरा पैदा कर दिया है। प्रदर्शनकारियों
ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। अब देखना
यह है कि प्रशासन कब तक आंखें मूंदे बैठा रहता है।