याचिका में अधिवक्ता भावना चौधरी ने अदालत को बताया कि नीमकाथाना से शाहपुरा को जोड़ने वाली मुख्य सड़क के लिए 80 फीट चौड़ाई में जमीन का अधिग्रहण किया गया था। वहीं राजनीतिक संरक्षण के चलते इस रोड पर अवैध निर्माण व अतिक्रमण हो गया हैं कई जगहों पर रोड की चौडाई घटकर साठ फीट रह गई है। इसके अलावा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नगर पालिका से पट्टे भी जारी कराए गए हैं। प्रभावशाली लोगों ने बिना स्वीकृति अवैध तरीके से और अतिक्रमण करते हुए बडे कॉम्प्लेक्स और व्यावसायिक भवन बना लिए हैं। इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को शिकायत देने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार से तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है।