प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में बुंदेलखंड की वीरगाथा को किया सलाम

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प्रधानमंत्री ने बताया कि कालिंजर किला भारतीय इतिहास का गौरवशाली अध्याय है, जिस पर महमूद गजनवी जैसे कई आक्रांता बार-बार हमलावर हुए, लेकिन हर बार उन्हें पराजय ही हाथ लगी। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में ऐसे कई किले हैं—जैसे ग्वालियर, झाँसी, दतिया, अजयगढ़, गढ़कुंडार और चंदेरी—जो केवल स्थापत्य कला के अद्भुत नमूने नहीं, बल्कि हमारे आत्मगौरव की अडिग दीवारें हैं। ये किले आज भी बुलंदियों से हमें प्रेरणा दे रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आह्वान किया कि वे इन ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा करें, अपने इतिहास को जानें और उससे जुड़ाव महसूस करें। उन्होंने कहा, “ये केवल ईंट और पत्थरों के ढांचे नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, संस्कार और स्वाभिमान की पहचान हैं।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की समृद्ध विरासत को जानना और अगली पीढ़ियों तक पहुँचाना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।

बाँदा जिले में ‘मन की बात’ कार्यक्रम को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिला। जिले के सभी 1395 बूथों पर लोगों ने कार्यक्रम को सुना।

वार्ड बाकरगंज के बूथ संख्या 73 पर ज़िलाध्यक्ष कल्लू सिंह राजपूत ने पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ कार्यक्रम सुना।

इसी प्रकार वार्ड खुटला के बूथ संख्या 122 पर पूर्व जिलाध्यक्ष उत्तम सक्सेना की उपस्थिति में मंडल उपाध्यक्ष चन्द्रभूषण सोनी, सेक्टर संयोजक दिनेश शुक्ला सहित कई कार्यकर्ताओं ने सहभागिता की।

वहीं वार्ड बन्न्योटा के बूथ संख्या 133 पर मंडल अध्यक्ष राजेश गुप्ता ‘रज्जन’, अमित सेठ भोलू, इंद्रजीत राजपूत सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम सुनकर गर्व जताया कि प्रधानमंत्री ने बुंदेलखंड की महिमा का उल्लेख अपने कार्यक्रम में किया।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने आगामी अगस्त माह को “क्रांति का महीना” बताते हुए स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े प्रमुख प्रसंगों का स्मरण कराया। उन्होंने लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि, भारत छोड़ो आंदोलन, शहीद खुदीराम बोस का बलिदान दिवस, स्वतंत्रता दिवस, हाथकरघा दिवस और विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का विशेष रूप से उल्लेख किया।