अभिभावकों ने सरकार के फीस विनियमन अध्यादेश के खिलाफ किया प्रदर्शन

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अभिभावकों ने आरोप लगाया कि यह अध्यादेश बिना किसी उचित परामर्श के लागू किया गया। जो शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को दर्शाता है।
यूपीवी के सदस्य आजाद सिंह ने बताया कि 30 जून को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से यूपीवी के एक प्रतिनिधिमंडल को मिलने की अनुमति मिली थी। उसके बाद मुख्यमंत्री ने बातचीत का आश्वासन दिया था। उसके बाद मुख्यमंत्री को दो ईमेल भेजने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिला। इसी कारण अभिभावकों ने सरकार के सामने अपनी मांगों को दोहराया।
नया समाज पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष मीनाक्षी ने बताया कि फीस बढ़ाने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गए हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों के नाम काटे जा रहे हैं। मामला कोर्ट में जाने के बाद बच्चों के नाम फिर से जोड़े गए उसके बाद दूसरे बैच में बच्चों के नाम काट दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस कारण से अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।