मीरजापुर, 20 जुलाई । विंध्याचल में पंडा समाज चुनाव को लेकर मामला दिन-ब-दिन तूल पकड़ता जा रहा है। विंध्य विकास परिषद (वि.वि. परिषद) द्वारा चुनाव प्रक्रिया के तहत फार्म और शपथपत्र वितरण पर पंडा समाज ने कड़ी आपत्ति जताई है। समाज की ओर से नगर मजिस्ट्रेट/सचिव वि.वि. परिषद विनीत कुमार उपाध्याय को पत्र लिखकर कई सवाल खड़े किए गए हैं।
पंडा समाज की व्यवस्थापिका समिति की बैठक में इस बात पर कड़ा विरोध दर्ज किया गया कि चुनाव के लिए 1983 की मतदाता सूची को आधार बनाया जा रहा है, जबकि 2018 में हुए पिछले चुनाव को समाज संवैधानिक मानता है।
समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि 2018 में सभी साधारण सदस्यों ने निर्धारित शुल्क जमा कर भाग लिया था। ऐसे में पुरानी सूची को आधार बनाना न तो न्यायसंगत है और न ही पारदर्शिता की कसौटी पर खरा उतरता है।
सूचना प्रपत्र के बिंदुओं पर भी आपत्ति
विंध्यवासिनी मंदिर परिसर में चस्पा किए गए सूचना प्रपत्र में कुछ बिंदु ऐसे हैं जिन पर समाज ने तीखी आपत्ति जताई है। पंडा समाज का कहना है कि चुनाव प्रक्रिया शुरू करने से पहले परिषद की खुली बैठक बुलाकर विषयों पर सहमति ली जानी चाहिए थी, ताकि सभी हितधारकों को भरोसे में लिया जा सके।
फार्म वितरण और शुल्क जमा, फिर भी नाराजगी
शनिवार तक परिषद द्वारा कुल 480 फार्म वितरित किए जा चुके थे, जिनमें से लगभग 60 फीसदी फार्म बकाया शुल्क के साथ जमा भी कर दिए गए थे। कुल 15,000 रुपए का शुल्क परिषद को मिल चुका है। इसके बावजूद पंडा समाज का एक बड़ा तबका असंतुष्ट नजर आ रहा है।
जब तक जवाब नहीं, फार्म जमा नहीं
रविवार को पंडा समाज के पदाधिकारियों ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि जब तक नगर मजिस्ट्रेट/सचिव परिषद की तरफ से लिखित रूप में संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता, तब तक कोई भी तीर्थपुरोहित फार्म भरकर जमा न करे। इस निर्देश के बाद कई तीर्थपुरोहितों ने फार्म जमा करने की प्रक्रिया रोक दी है।
प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल
कुछ तीर्थपुरोहितों ने चुनाव प्रक्रिया में प्रशासन की भूमिका को संदेहास्पद बताया है। उनका आरोप है कि बिना समाज की सहमति के प्रक्रिया को जबरन थोपने की कोशिश की जा रही है। साथ ही यह भी आशंका जताई जा रही है कि कहीं न कहीं विशेष हितों को साधने के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया से छेड़छाड़ हो रही है।
क्या कहती है विवि परिषद?
इस पूरे मामले पर अभी तक परिषद की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि फार्म भरने और शुल्क जमा होने की प्रक्रिया निर्धारित समय सीमा में पूरी की जाएगी। समाज के पत्र का जवाब तैयार किया जा रहा है, जो जल्द ही भेजा जाएगा।