कार्यक्रम में उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन का प्रत्येक कर्मचारी सरकार और जनता के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने सभी कर्मचारियों को संवेदनशीलता, पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए प्रत्येक कर्मचारी को अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेना होगा ताकि योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
आत्मानुशासन हो सभी कर्मियों की कार्य संस्कृति
उपायुक्त ने सभी कर्मचारियों को निर्देश दिया कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं जैसे सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास से संबंधित योजनाओं के आवेदनों की जांच और निष्पादन में किसी भी प्रकार की देरी न हो। प्रत्येक योजना के लाभार्थियों की सूची को समय-समय पर अद्यतन करने और पात्र व्यक्तियों तक त्वरित लाभ पहुंचाने पर जोर दिया गया।
उपायुक्त ने जिले के सभी कार्यालयों में अनुशासन, पारदर्शिता और जनता के प्रति उत्तरदायित्वपूर्ण व्यवहार को लेकर कर्मियों को निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि आत्मानुशासन सभी कर्मियों की कार्य संस्कृति का हिस्सा बनना चाहिए।
उपायुक्त ने कहा कि कार्यालय आने वाले आम लोगों के साथ सभ्य, संवेदनशील और सहयोगपूर्ण व्यवहार करें। किसी प्रकार का दुर्व्यवहार, चाहे जानबूझकर हो या अनजाने में, नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि कोई कर्मी ऐसा करता है तो इसकी सूचना नियंत्रण पदाधिकारी को तत्काल दी जाए। आमजन को गलत या भ्रामक जानकारी नहीं दी जानी चाहिए। सही और उचित जानकारी देना कर्मियों की जिम्मेदारी है।
कार्यालयों में दलाल या बिचौलिये को न हो प्रवेश
उपायुक्त ने कहा कि कार्यालयों में किसी भी प्रकार के दलाल या बिचौलिये को प्रवेश नहीं करने दिया जाए। यदि कोई व्यक्ति किसी प्रकार के अनुचित कार्य करने को कहे, तो उसकी सूचना संबंधित पदाधिकारी को तुरंत दें।
उन्होंाने जन शिकायतों के निवारण के लिए एक सुव्यवस्थित तंत्र अपनाने का निर्देश दिया। उपायुक्त ने कहा कि प्रत्येक शिकायत को गंभीरता से लिया जाए और नियमानुसार उसका समाधान समय पर होना चाहिए। इसके लिए शिकायतों के पंजीकरण, ट्रैकिंग और फॉलो-अप की प्रक्रिया को और सुदृढ़ करने पर बल दिया गया।