प्रदेश के सभी स्कूलों का जिला कलेक्टर के माध्यम से सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे में जो विद्यालय भवन जर्जर अवस्था में पाए जाएंगे उन भवनों पर लाल रंग से क्रॉस का निशान लगाकर उन्हें बंद किया जाएगा। जर्जर पाए गए भवनों को प्राथमिकता के आधार पर जमीन दोज़ किया जाएगा तथा वहां पर वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए कंटेनर लगाकर कक्षाएं संचालित की जाएंगी। आवश्यकता अनुसार नए भवनों में भी कंटेनर कक्षा लगाने का विचार किया जाएगा।
जीआईएसआधारित ऐप बनाया जाएगा। जिसे शाला दर्पण से लिंक किया जाएगा तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का प्रयोग किया जाएगा जिससे भवन की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए बजट प्रावधान किए जाएंगे।
आपदा प्रबंधन कोष से बरसात की विभीषिका को देखते हुए आपदा राहत मद के तहत 170 तहसीलों के 7500 स्कूलों में मरम्मत के लिए डेढ़ सौ करोड रुपए के प्रस्ताव स्वीकृत किए जाएंगे। ताकि क्षतिग्रस्त भवनों की मरम्मत कर उन्हें सुरक्षित बनाया जा सके।
स्कूल भवन ऑन के निर्माण में गुणवत्ता नियंत्रण के लिए समग्र शिक्षा में एक प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा तथा जिलों में होने वाले निर्माण की गुणवत्ता की जांच पीडब्ल्यूडी के गुणवत्ता जांच प्रयोगशालाओं से कराया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।
घटिया निर्माण को रोकने के लिए सख्त प्रावधान करते हुए शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री ने निर्देश दिए की निर्माण कार्य की गुणवत्ता घटिया पाए जाने पर निर्माण करता ठेकेदार सहित संबंधित अभियंता की जिम्मेदारी तय करते हुए उनसे वसूली की जाएगी।
प्रदेश के निजी स्कूलों का भी सर्वे होगा ताकि इन स्कूलों में भी पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। निजी स्कूलों में बच्चों को लाने ले जाने वाले वाहनों की सुरक्षा जांच, वाहन फिटनेस तथा वाहन चालक की मेडिकल जांच सहित शिक्षा विभाग द्वारा अन्य सुरक्षा मानकों की निगरानी की जाएगी। दुर्घटनाओं में जान माल का नुकसान ना हो इसके लिए स्कूल विकास एवं प्रबंधन समितियां को प्राथमिक उपचार तथा अग्निशमन उपाय का तत्काल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार शिक्षा मंत्री प्रदेश के सभी विधायकों एवं प्रदेश के सांसदों से उनके विकास कोष से इस वर्ष की 20% राशि देने की मांग करेंगे। साथ ही डांग विकास योजना, मगरा विकास योजना, मेवात विकास योजना में 15% से बढ़कर की गई 20% राशि का भी संबंधित विभाग के मंत्री को पत्र भेजकर मांग की जाएगी।
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने आगामी दिवसों में दक्षिण पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए क्षेत्र के सभी जिलों में अवकाश करने के लिए जिला कलेक्टरों को अधिकृत कर दिया है।
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को प्रदेश के सभी विद्यालयों में बनाए गए पिंक टॉयलेट की गुणवत्ता की समीक्षा करने। साथ ही पंचायत राज विभाग में कराए जा रहे सभी नवीन निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं करने के निर्देश दिए। मंत्री ने सार्वजनिक शौचालय का नियमित रखरखाव सुनिश्चित किए जाने के अधिकारियों को निर्देश दिए।