मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट का जल्द सुनवाई से इनकार

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दरअसल, सितंबर 2015 में निचली अदालत ने पांच को मौत की सजा और सात को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस सजा को आरोपितों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने 21 जुलाई को फैसला सुनाते हुए 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट मामले में 12 आरोपितों को बरी करने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट के इसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी है। मुंबई की लोकल ट्रेनों में 7 बम धमाकों में कुल 189 लोगों की मौत और 820 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।