गॉथिया कप, जिसे “विश्व युवा कप” के रूप में जाना जाता है, दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय युवा फुटबॉल टूर्नामेंट है। 2011 में स्थापित स्पेशल ओलंपिक्स ट्रॉफी श्रेणी उन खिलाड़ियों के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करती है जिनमें विविध संज्ञानात्मक क्षमताएं होती हैं।
भारत की टीम ने इस वर्ष फाइनल में पोलैंड को 3-1 से हराकर लगातार दूसरी बार ट्रॉफी पर कब्जा किया। 2024 में डेनमार्क के खिलाफ 4-3 की जीत के बाद यह सफलता भारत की समावेशी खेल संरचना का प्रमाण है। टीम ने 02 जुलाई से 11 जुलाई तक मानेसर स्थित मानव रचना यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर किया था, जिसे युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय द्वारा एसीटीसी योजना के तहत पूर्ण समर्थन प्राप्त था।
इस मौके पर रक्षा खडसे ने खिलाड़ियों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की और कहा कि “हमारे विशेष ओलंपिक्स भारत टीम की लगातार दूसरी जीत केवल एक टूर्नामेंट की जीत नहीं, बल्कि दृढ़ संकल्प, संघर्ष और संभावनाओं की विजय है। यह उन असंख्य भारतीयों के लिए प्रेरणा है जो अपनी सीमाओं को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना चाहते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि यह जीत सरकार, कॉर्पोरेट साझेदारों और खेल संगठनों की सामूहिक प्रतिबद्धता का उदाहरण है। उन्होंने कहाकि डॉ मल्लिका नड्डा के नेतृत्व में विशेष ओलंपिक्स भारत ने जो समावेशी खेल पारिस्थितिकी तैयार की है, उसमें एसकेएफ जैसी कंपनियों का योगदान अत्यंत सराहनीय है। यह हर भारतीय की जीत है।
टीम के प्रमुख खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया:
सहीर मोहम्मद – 7 गोल
अंकुश कुमार – 3 गोल
स्टालिन कुमार – 2 गोल
तरुण कुमार और बिक्की दुले – 1-1 गोल
समारोह में डॉ. मल्लिका नड्डा (अध्यक्ष, विशेष ओलंपिक्स भारत), गीता मंडविया (गुजरात इकाई अध्यक्ष), मुकेश शुक्ला (उत्तर प्रदेश इकाई अध्यक्ष),
वी.के. महेन्द्रु (कार्यकारी निदेशक), अमित भल्ला (मानव रचना यूनिवर्सिटी), तनुल सिंघल (एसकेएफ प्रतिनिधि), ज्योत्सना सूरी (ललित होटल), कोच कमल रावत और माइकल, टीम कैप्टन योगेश कुमार (पुरुष वर्ग) एवं मीनाक्षी (अंडर-15 महिला वर्ग) आदि की अहम उपस्थित रही।