वन विभाग के अनुसार मैनपाट वनपरिक्षेत्र में इस समय दस हाथियों का दल सक्रिय है। इनमें से आठ हाथी एक साथ समूह में विचरण कर रहे हैं, जबकि दो अन्य अलग-अलग दिशाओं में घूमते देखे गए हैं। एक हाथी घोड़ा घाट की तरफ गया था, जबकि दूसरा दक्षिण दिशा में निकल गया था जिसे वन अमले ने जंगल की ओर खदेड़ा।
मैनपाट वनपरिक्षेत्र के रेंजर फेंकू प्रसाद चौबे ने बताया कि “विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। हम हाथियों की गतिविधियों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। कोटवारों और ग्रामीणों की मदद से निगरानी की जा रही है। गजराज वाहन भी मौके पर भेजा गया है ताकि हाथियों को रिहायशी इलाकों से दूर किया जा सके।”
श्री चौबे ने बताया कि, “ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे रात के समय पक्के मकानों में ही रहें और समूह में रहें। साथ ही वन विभाग द्वारा हाथियों की संभावित दिशा में पहले पहुंचकर लोगों को सतर्क किया जा रहा है ताकि जान-माल का नुकसान रोका जा सके।”
स्थानीय लोग इस समस्या से परेशान हैं क्योंकि हाथियों का दल बार-बार रिहायशी इलाकों में लौट आता है। कई ग्रामीणों ने बताया कि फसलों के साथ-साथ घरों में रखे अनाज, सब्जियां और अन्य सामान भी हाथी बर्बाद कर रहे हैं। इससे ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।