तेहरान को बातचीत की मेज पर लाने के लिए वाशिंगटन ने कूटनीतिक प्रयास तेज किए
वाशिंगटन, 27 जून (हि.स.)। वाशिंगटन ने तेहरान को बातचीत की मेज पर लाने के लिए बेहद गोपनीय कूटनीतिक प्रयास तेज कर दिए हैं। ईरान और इजराइल में सैन्य हमलों के बीच भी अमेरिका और मध्य पूर्व के प्रमुख खिलाड़ियों ने पर्दे के पीछे ईरानियों से बात की है। ईरान और इजराइल के युद्धविराम समझौते के बाद ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने कई प्रस्ताव पेश किए हैं।
सीएनएन चैनल की खबर के अनुसार, प्रारंभिक मसौदा प्रस्ताव संभवतः ईरान को पसंद आएगा। ईरान लगातार कहता रहा है कि यूरेनियम के शून्य संवर्धन की उसे जरूरत नहीं है। मसौदा में ऐसा करने पर तमाम तरह की राहत देने का वादा किया गया है। पिछले शुक्रवार को व्हाइट हाउस में अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और खाड़ी भागीदारों के बीच इस पर घंटों विचार-विमर्श हुआ।
प्रस्ताव के मसादे में कहा गया है कि नए ईरानी गैरसंवर्धन परमाणु कार्यक्रम में अनुमानित 20-30 बिलियन डालर का निवेश शामिल है। इसका उपयोग सिर्फ और सिर्फ नागरिक ऊर्जा उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। यही नहीं हाल के महीनों में परमाणु वार्ता के पिछले दौर में ईरान की परमाणु ऊर्जा सुविधाओं में निवेश पर चर्चा हो चुकी है। ट्रंप प्रशासन के एक अधिकारी का दावा है कि ईरान के साथ इन वार्ताओं का नेतृत्व करने के लिए अमेरिका तैयार है।
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार ईरान पर लगे कुछ प्रतिबंधों को हटाया जाएगा। तेहरान को विदेशी बैंक खातों में जमा 6 बिलियन डॉलर तक पहुंच की अनुमति प्रदान की जाएगी। पिछले सप्ताह एक और विचार सामने आया कि खाड़ी में अमेरिका समर्थित सहयोगी फोर्डो परमाणु सुविधा को बदलने के लिए भुगतान करें।
अमेरिका ने कहा है कि ईरान के पास शांतिपूर्ण नागरिक उद्देश्यों के लिए बेशक परमाणु कार्यक्रम हो सकता है, लेकिन वह उस कार्यक्रम के लिए यूरेनियम को समृद्ध नहीं कर सकता। अमेरिका ने सुझाव दिया है कि ईरान समृद्ध यूरेनियम आयात कर सकता है। ट्रंप ने बुधवार को कहा कि अमेरिका और ईरान अगले सप्ताह बैठक करेंगे। हालांकि ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बघेई ने कहा कि उन्हें इस वार्ता के बारे में जानकारी नहीं है।
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