जयपुर टाउन हॉल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार से 6 हफ्ते में मांगा जवाब

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जयपुर टाउन हॉल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार से 6 हफ्ते में मांगा जवाब

नई दिल्ली, 02 जून (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर के पुराने विधानसभा भवन ( टाउन हॉल) के विवाद में राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर राजस्थान सरकार को नोटिस जारी करके 6 हफ्ते में जवाब मांगा है। जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश में कोई भी दखल देने से इनकार कर दिया।

दरअसल, पिछली अशोक गहलोत सरकार ने पुरानी विधानसभा को हेरिटेज म्यूजियम में बदलने का फैसला किया था। गहलोत सरकार के फैसले को राजमाता पद्मिनी देवी ने पहले दीवानी अदालत में चुनौती दी थी। उनका कहना था कि पुरानी विधानसभा भवन का इस्तेमाल केवल आधिकारिक कार्यों के लिए ही किया जा सकता है और इसका व्यावसायिक या हेरिटेज टूरिज्म के लिए उपोग करना 1949 के करार का उल्लंघन है।

सुनवाई के दौरान राजस्थान सरकार की ओर से पेश वकील शिवमंगल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार का जवाब आने के बाद ही इस याचिका पर सुनवाई होनी चाहिए। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि ये विवाद केवल निजी संपत्ति के स्वामित्व और अधिकारों से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि 1040 में किए गए करार के तहत इस संपत्ति को केवल आधिकारिक कार्यों के लिए ही राज्य सरकार को सौंपा गया था। उन्होंने कहा कि चूंकि विधानसभा दूसरे भवन में शिफ्ट हो चुकी है, इसलिए राज्य सरकार इस संपत्ति को किसी व्यावसायिक उपयोग के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकती है। ऐसा करना करार के शर्तों का उल्लंघन है। तब शिवमंगल शर्मा ने कहा कि ये विवाद संविधान के पूर्व के करारों से जुड़ा हुआ है, जिन पर अनुच्छेद 363 के तहत कोर्ट का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने राजपरिवार की याचिकाओं को खारिज कर उचित फैसला लिया है।

हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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