शांता कुमार ने की सख्त यातायात कानूनों की मांग, बाेले सख्त सजा से आधी हो सकती हैं सड़क दुर्घटनाएं
पालमपुर, 02 जून (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने आज सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से यातायात नियमों के उल्लंघन पर सख्त कानून और सजा लागू करने की मांग की है।
शांता कुमार ने साेमवार काे एक बयान में कहा कि आज के अखबार में एक ही दिन में चार सड़क हादसों में 10 लोगों की मौत की खबर पढ़ी, जो अत्यंत दुखद और चिंताजनक है। उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के हवाले से कहा कि भारत में हर साल लगभग 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें करीब 1.88 लाख लोग जान गंवाते हैं और इससे देश के GDP का लगभग 3% नुकसान होता है।
शांता कुमार ने कुमार ने कहा कि दुनिया की रिपोर्टों के अनुसार 90% दुर्घटनाएं मानवीय गलती के कारण होती हैं जैसे तेज रफ्तार, शराब पीकर गाड़ी चलाना और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कनाडा में उनके दामाद को तेज रफ्तार में पकड़े जाने पर 6 महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि ऐसे सख्त दंड से व्यक्ति जीवनभर नियम नहीं तोड़ता।
भारत में सड़क परिवहन को यातायात का मुख्य साधन बताते हुए उन्होंने कहा कि अगर नियम तोड़ने पर कठोर दंड, जैसे 50 हजार रुपये का जुर्माना और लाइसेंस रद्द करने जैसी कार्रवाई का प्रावधान हो, तो दुर्घटनाएं आधी से भी कम हो सकती हैं।
शांता कुमार ने कुमार ने सरकार से आग्रह किया कि देशभर में सड़कों पर आधुनिक निगरानी यंत्र लगाए जाएं और कानूनों को सख्ती से लागू किया जाए। उन्होंने कहा, “अगर केवल आधी दुर्घटनाएं भी रुक जाएं, तो हर साल 90,000 लोगों की जान बचाई जा सकती है और सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व भी प्राप्त हो सकता है।
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