जबलपुर लोकायुक्त टीम ने आरक्षक को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

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जबलपुर लोकायुक्त टीम ने आरक्षक को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

जबलपुर, 2 जून (हि.स.)। लोकायुक्त की टीम ने ओमती थाने में पदस्थ नितेश शुक्ला नाम के पुलिस आरक्षक को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए हाथों गिरफ्तार किया है। आरक्षक पर आरोप है कि उसने फरियादी की गाड़ी अपने पास रखते हुए उसके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज करवाने का दबाव बनाया और 25 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। बाद में थाने में खड़ी गाड़ी छोड़ने के नाम पर 5 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। जिसकी शिकायत फरियादी ने लोकायुक्त पुलिस से की थी। सोमवार को आरोपी नितेश को थाने के बाहर से लोकायुक्त ने गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में सब इंस्पेक्टर को भी जांच के दायरे में लिया है।

जबलपुर के अंधेरदेव निवासी शिवम चौरसिया हार्डवेयर शॉप के मालिक है, उन्हें अपना व्यापार बढ़ाने के लिए पैसों की जरूरत थी, उन्होंने अपने दोस्त आयुष सोनी से संपर्क किया, और सोने के दो कंगन देते हुए साढ़े तीन लाख रुपए मांगे। आयुष ने शिवम से चूड़ी तो ले लिया, पर उसके बदले पैसे नहीं दिए, शिवम ने उससे रुपए देने हेतु कई बार मिन्नत की परंतु उसने नहीं दिए। परेशान होकर शिवम ने ओमती थाने में आयुष के खिलाफ आवेदन दिया, जिसके लिए पुलिस ने शिवम की शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की उल्टा उसे धमकाते हुए, बाइक यह कहते हुए जब्त कर ली कि उसने सोने के नकली कंगन दिए है। बाइक वापस करने हेतु रिश्वत की मांग की गई जिसकी शिकायत फरियादी ने लोकायुक्त एसपी संजय साहू से की थी। शिवम ने लोकायुक्त पुलिस को बताया कि 27 मई को जब वह थाने गया तो उससे यह कहा गया कि आवेदन में गलती है, फिर से लिखकर लाओ। इसके बाद फरियादी की बाइक को जब्त कर लिया गया। रिश्वतखोर पुलिस आरक्षक नितेश शुक्ला ने शिवम का आवेदन लेकर एसआई से मिलवाया, जिसके बाद दोनों ने धमकाया कि 25 हजार रुपए लेकर आओ, नहीं तो नकली सोने के कंगन बेचने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भिजवा देगें। इतनी ही नहीं पुलिस ने शिवम को वो गाड़ी भी जब्त कर रख ली, जिसे कि वह अपने दोस्त से मांगकर लाया था। लोकायुक्त एसपी ने जांच उपरांत आराेपाें काे सही पाया। जिसके बाद सोमवार को आरोपी नितेश को थाने के बाहर से 5 हजार रुपए लेते हुए लोकायुक्त ने गिरफ्तार किया है। इसके बाद उसे सार्किट हाउस नंबर दो में ले जाया गया जहां पूर्ण कार्यवाही की गई। लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में सब इंस्पेक्टर शिवगोपाल गुप्ता को भी जांच के दायरे में लिया है।

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