संविधान को तोड़ना कांग्रेस के डीएनए में: मुख्यमंत्री
संविधान हत्या दिवस कार्यक्रम को मुख्यमंत्री ने किया संबोधित
चंडीगढ़, 25 जून (हि.स.)। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि संविधान को तोड़ना कांग्रेस के डीएनए में शामिल है और वे संविधान को बचाने की दुहाई देते हैं,जबकि वे आज भी सरकार बनने पर कश्मीर में
अनुच्छेद 370 वापस करने जैसे बयान देकर भी संविधान को कुचलने का प्रयास कर रहे हैं। सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 के बाद से पिछले 11 वर्षों में यह देश संविधान के अनुरूप चला है और असल मायने में आजाद भारत को लोगों ने देखा है।
मुख्यमंत्री सैनी बुधवार काे करनाल में भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय-देश में आपातकाल लगाए जाने के 50 साल पूर्ण होने पर संविधान हत्या दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। नायब सिंह सैनी ने कहा कि जब हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी का दंश झेल रहा था, उस समय हमारे देश के नायकों ने अपना बलिदान दिया ताकि आने वाली पीढ़ियां खुली हवा में साँस ले सकें, लेकिन उस समय किसी को यह नहीं पता था कि देश एक ऐसा दौर भी देखेगा, जब पवित्र संविधान की हत्या की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 25जून का दिन हम सबको याद कराता है कि उस समय कैसे रात के 12बजे तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने देश में इमरजेंसी लगाने का आदेश पारित किया था। इमरजेंसी काल में आम लोगों को यातनाएं देते हुए पकड़ लिया जाता था। उन पर किए गए अत्याचारों से आज भी हमारे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। सैनी ने कहा कि यह आदेश उस सरकार की अपनी इच्छाशक्ति को पूरा करने के लिए जारी किया गया था। यह एक सोची-समझी साजिश के तहत किया गया था। देश के पवित्र संविधान को अपने स्वार्थ के लिए कुचल दिया गया था। इमरजेंसी के दौरान संविधान और लोकतंत्र का एक बार भी स्मरण नहीं किया गया। किस प्रकार नेताओं और अपनी आवाज को बुलंद करने वाले लेखकों पर अत्याचार किए गए,उनको जेलों में बंद कर दिया गया, ताकि वे सरकार के खिलाफ कुछ न लिख सकें।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि उस समय की सरकार ने जम्मू – कश्मीर जाने के लिए परमिट प्रथा शुरू की। सरकार की क्या सोच थी कि उस हिस्से को देश से अलग करना चाहते थे। परंतु डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने परमिट प्रथा का विरोध किया और कहा कि इस देश में दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे। वे यात्रा लेकर निकल पड़े और बिना परमिट के जम्मू -कश्मीर में चले गए। उन्हें अपनी कुर्बानी देनी पड़ी, तब जाकर परमिट प्रथा समाप्त हुई उसके बाद भी लंबे समय तक इस देश में दो संविधान, दो प्रधान और दो निशान चलते रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को समाप्त कर एक संविधान, एक प्रधान और एक निशान के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने को पूरा किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग की लगाई गई एक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया और कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज परिसर में पौधारोपण किया। इस अवसर पर विधायक योगेंद्र राणा, भगवान दास कबीरपंथी, करनाल मेयर रेनू बाला गुप्ता सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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