गुरुग्राम: कांग्रेस ने आपातकाल लगा लोकतंत्र को तानाशाही में बदला : राव इंद्रजीत

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गुरुग्राम: कांग्रेस ने आपातकाल लगा लोकतंत्र को तानाशाही में बदला : राव इंद्रजीत

-इंदिरा गांधी ने सत्ता बचाने की हताशा में देश पर थोपा था आपातकाल

-आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर गुरुग्राम स्थित भाजपा कार्यालय गुरुकमल में हुुई

गुरुग्राम, 25 जून (हि.स.)। आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर यहां भाजपा कार्यालय में बुधवार को पत्रकार वार्ता में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि इंदिरा गांधी ने सत्ता बचाने की हताशा में देश पर आपातकाल थोपा था। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति की आड़ लेकर अनुच्छेद 352 का दुरुपयोग किया। इस दौरान गोष्ठी भी आयोजित की गई।

उन्होंने कहा कि आपातकाल लगाना राजनीतिक दृष्टि से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का घातक निर्णय था। प्रेसवार्ता के दौरान केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के साथ जिला अध्यक्ष सर्वप्रिय त्यागी, विधायक मुकेश शर्मा, मेयर राजरानी मल्होत्रा और जिला उपाध्यक्ष अजीत यादव मौजूद रहे। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि आपातकाल के दौरान एक करोड़ सात लाख लोगों की नसबंदी की गई। 26 हजार नेताओं के अलावा दो लाख लोगों को आपातकाल का विरोध करने पर जेलों में ठूंसा गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इस काले अध्याय में न केवल लोकतांत्रिक संस्थाओं को रौंदा, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता, न्यायपालिका की निष्पक्षता और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कुचलकर यह स्पष्ट कर दिया कि जब-जब कांग्रेस की सत्ता संकट में होती है, कांग्रेस संविधान और देश की आत्मा को ताक पर रखने से पीछे नहीं हटते।

राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि जिस संविधान की शपथ लेकर इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी थीं, उसी संविधान की आत्मा को कुचलते हुए उन्होंने लोकतंत्र को एक झटके में तानाशाही में बदल दिया और चुनाव में दोषी ठहराए जाने के बाद नैतिकता से इस्तीफा देने के बजाय पूरी व्यवस्था को ही कठपुतली बनाकर रखने का षड्यंत्र रच दिया। उन्होंने कहा कि आज भी कांग्रेस शासित राज्यों में कानून व्यवस्था का हाल यह है कि वहां विरोध का दमन, धार्मिक तुष्टीकरण और सत्ता का अहंकार खुलेआम दिखता है। यह सब आपातकालीन सोच की ही उपज है।