हिमाचल में आठ आईएएस अधिकारियों को सौंपे अतिरिक्त विभागों के कार्यभार

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हिमाचल में आठ आईएएस अधिकारियों को सौंपे अतिरिक्त विभागों के कार्यभार

शिमला, 16 जून (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में प्रशासनिक सुचारूता बनाए रखने के उद्देश्य से आठ वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को विभिन्न विभागों का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। यह निर्णय उन अधिकारियों के अवकाश पर रहने की स्थिति में लिया गया है, जिनके पास पहले ये विभाग थे। इस संबंध में कार्मिक विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है और आदेशों को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।

सरकारी अधिसूचना के मुताबिक डॉ. अभिषेक जैन, जो पहले से लोक निर्माण, वित्त, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग और 20 सूत्रीय कार्यक्रम के सचिव हैं, को मुख्यमंत्री के सचिव का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। एम. सुधा देवी को, जो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और कार्मिक विभाग देख रही हैं, अब ऊर्जा, गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोत एवं शिक्षा विभागों का प्रभार भी सौंपा गया है। सी. पॉलराजू, जो प्रशिक्षण, प्रशासनिक सुधार, वित्तीय अनुशासन, सहयोग, बागवानी और कृषि विभाग संभाल रहे हैं, उन्हें खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग भी सौंपा गया है।

इसी तरह पशुपालन विभाग के सचिव रितेश चौहान को अब परिवहन और उद्योग विभागों का जिम्मा भी दिया गया है। ग्रामीण विकास, पंचायती राज और सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव राजेश शर्मा को संसदीय कार्य, प्रशासनिक सुधार और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभागों की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। राखिल काहलों, जो आयुष और प्रशिक्षण एवं निदेशक तकनीकी शिक्षा विभाग की सचिव हैं, को तकनीकी शिक्षा, जल शक्ति, सूचना एवं जनसंपर्क, भाषा, कला और संस्कृति विभागों के साथ शिमला मंडलायुक्त का कार्यभार भी सौंपा गया है।

इसके अलावा हिमाचल हैंडीक्राफ्ट्स एंड हैंडलूम कॉरपोरेशन की प्रबंध निदेशक डॉ. ऋचा वर्मा को अब हिमाचल फूड एंड प्रोसेसिंग मार्केटिंग कॉरपोरेशन, हिमाचल एग्रो इंडस्ट्रीज़ कॉरपोरेशन और हिमाचल एग्रो इंडस्ट्रियल पैकेजिंग इंडिया लिमिटेड की जिम्मेदारी भी दी गई है। ऊर्जा निदेशक राकेश कुमार प्रजापति को हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

सरकार ने निर्देश दिए हैं कि अधिकारी यह अतिरिक्त कार्यभार तब तक संभालें जब तक मूल प्रभार वाले अधिकारी अवकाश से लौटकर नियमित रूप से कार्यभार ग्रहण नहीं कर लेते।

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