बांग्लादेश ने नेपाल के अपर कर्णाली हाइड्रोपावर से बिजली खरीद समझौते को किया खारिज
काठमांडू, 26 जून (हि.स.)। नेपाल से भारत के रास्ते 40 मेगावाट बिजली आयात करने वाली बांग्लादेश सरकार ने भारतीय अपर कर्णाली हाइड्रोपावर से बिजली खरीद समझौते को खारिज कर दिया है।
बांग्लादेश के विद्युत विकास बोर्ड ने अपर कर्णाली हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के साथ किए गए 500 मेगावाट विद्युत आपूर्ति समझौते के प्रारंभिक आशय पत्र को खारिज करने की जानकारी दी है। बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के समय 2010 में भारत के साथ अधिक से अधिक बिजली खरीद को लक्षित करते हुए लाई गई विशेष ऊर्जा कानून लाया गया था। सत्ता उलटफेर के बाद बनी युनुस सरकार ने इस ऊर्जा कानून को ही रद्द कर दिया है, जिसके अंतर्गत नेपाल के साथ किए गए अपर कर्णाली हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट से बिजली आपूर्ति समझौता भी खारिज हो गया है।
बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष रिजाउल करीम के हवाले से डेली आब्जर्वर अखबार ने पुष्टि की है कि नेपाल के साथ हुए 500 मेगावाट पावर परचेज एग्रीमेंट को भी खत्म करने का निर्णय लिया गया है। इस अखबार का दावा है कि अपर कर्णाली हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का निर्माण भारतीय कंपनी जीएमआर, सतलुज जैसी कंपनियां कर रही थीं, इसलिए इस समझौते को खारिज किया गया है। जीएमआर की तरफ से एसएम बोर्डे ने बांग्लादेश के ऊर्जा सचिव को फरवरी 2025 में एक पत्र लिखते हुए औपचारिक रूप से बिजली आपूर्ति समझौता करने का आग्रह किया था। इस पत्र में 2029 से लेकर 25 वर्षों तक के लिए बिजली आपूर्ति समझौता करने की बात उल्लेख की गई थी।
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