पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने सोमवार को मोहाली के खरड़ स्थित बिजली विभाग के कार्यालय में आकस्मिक निरीक्षण किया। इस जांच के दौरान उन्होंने विभाग के रिकॉर्ड की बारीकी से समीक्षा की। निरीक्षण के परिणामस्वरूप, मंत्री ने जेई खरड़ जतिंदर सिंह का तबादला करने के साथ-साथ उन्हें चार्जशीट करने के आदेश जारी किए। इसके अलावा, उन्होंने एसडीओ खरड़ को भी कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। मंत्री ने वहां मौजूद लोगों से आग्रह किया कि यदि वे बिजली विभाग में किसी प्रकार के भ्रष्टाचार के मामलों का सामना कर रहे हैं, तो वे अपनी शिकायतें वॉट्सऐप नंबर 9501200200 पर भेज सकते हैं।
सुबह के समय, बिजली मंत्री हरभजन सिंह ने पंजाब भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस दौरान मोहाली जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के मामलों को पत्रकारों के सामने रखा गया। इसके पश्चात, उन्होंने खरड़ बिजली कार्यालय का आकस्मिक दौरा किया और आम उपभोक्ताओं से वहां की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी हासिल की। मंत्री के इस दौरे ने क्षेत्र में बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं और स्थानीय लोगों की समस्याओं को उजागर किया है।
खरड़ क्षेत्र के निवासी संदीप वर्मा ने बताया कि तीन दिन पहले उनके एरिया की बिजली अचानक बंद हो गई थी, जिससे पूरे मोहल्ले में हाहाकार मच गया। लोग पहले तो हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत करने के लिए और सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने की कोशिश की, लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी बिजली विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। जब बिजली के लाइनमैन कुछ समय बाद आए, तो उन्होंने लोगों से सीढ़ी लाने को कहा। जब लोगों ने सीढ़ी का प्रबंध किया, तो वह छोटी पड़ गई, और फिर उन्होंने रस्सी की मांग की। लोगों ने बताया कि रात के समय उनके साथ उचित व्यवहार नहीं किया गया और कोई भी उनकी सुनवाई करने को तैयार नहीं था।
संदीप वर्मा ने बिजली मंत्री से अपील की है कि बिजली विभाग के कर्मचारियों को सभी आवश्यक उपकरण और संसाधन मुहैया कराए जाएं ताकि इस प्रकार की समस्या दुबारा उत्पन्न न हो। इससे निश्चित रूप से लोगों की परेशानियों में कमी आएगी और विभाग की सेवाएं भी बेहतर होंगी। मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ का यह निरीक्षण और उनकी कार्यवाही स्थानीय जनता की समस्याओं के प्रति प्रशासन की संवेदनशीलता को दर्शाते हैं, जो कि वर्तमान समय में बहुत आवश्यक है।
इस प्रकार के कदम यदि नियमित रूप से उठाए जाते हैं, तो इससे न केवल बिजली विभाग में सुधार होगा, बल्कि इससे नागरिकों के बीच प्रशासन के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा। यह निरीक्षण स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि सरकार अपने नागरिकों की समस्याओं को गंभीरता से ले रही है और भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए प्रतिबद्ध है।