लुधियाना फर्म से करोड़ों की ठगी: रद्द जीएसटी नंबरों के साथ चार आरोपी हिरासत में!

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लुधियाना की एक इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी को एप्पल आईफोन और विभिन्न एक्सेसरीज की आपूर्ति के मामले में कथित तौर पर 2.77 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में, आरोपी फर्मों ने जीएसटी घोटाले को अंजाम देने के लिए रद्द और निलंबित जीएसटी नंबरों का इस्तेमाल किया। जब शिकायतकर्ता ने रिफंड की मांग की, तब उन्हें धमकी दी गई। फोकल प्वाइंट पुलिस ने इस मामले में चार व्यक्तियों और तीन फर्मों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है।

इस मामले की शिकायत हैम्पटन स्काई रियल्टी लिमिटेड के अंकुर गर्ग ने दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की बिक्री और खरीद का व्यवसाय करती है। आरोपियों ने अपने आपको प्रतिष्ठित व्यापारी के रूप में पेश किया और गर्ग की फर्म से एप्पल आईफोन और उसके अन्य सामान की 43 खेप की डिलीवरी की। हालांकि, जब गर्ग की कंपनी ने जीएसटी रिफंड के लिए आवेदन किया, तो वाणिज्य कर विभाग ने उन्हें बताया कि लेनदेन में प्रयोग किए गए जीएसटी नंबर पहले ही रद्द या निलंबित हो चुके हैं। इसके चलते उनकी फर्म 2.77 करोड़ रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा नहीं कर पाई है।

जब अंकुर गर्ग ने इस मामले को सुलझाने के लिए आरोपियों से संपर्क किया, तो उन्हें धमकाने का भी प्रयास किया गया। आरोपियों ने उन्हें चेतावनी दी कि यदि वे मामले को आगे बढ़ाते हैं, तो वे उन्हें झूठे आपराधिक मामलों में फंसा देंगे। इस गंभीर स्थिति का सामना करते हुए, गर्ग ने पुलिस से सहायता मांगी। फोकल प्वाइंट पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर अमनदीप सिंह बराड़ ने पुष्टि की है कि 21 अप्रैल को इस मामले की एक औपचारिक शिकायत प्राप्त हुई थी। जांच के दौरान, भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है, और पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।

पुलिस ने बताया कि मामले में विस्तृत जांच की जा रही है और आरोपी व्यक्तियों को पकड़ने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। यह मामला न केवल व्यवसायिक धोखाधड़ी का संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे कुछ लोग जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण कर प्रणाली का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई आवश्यक है ताकि अन्य व्यापारी भी सुरक्षित रह सकें और उनके अधिकारों का पालन हो सके।

इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ होता है कि व्यापार जगत में ईमानदारी और पारदर्शिता बहुत आवश्यक हैं। अंकुर गर्ग जैसे व्यवसायी को जब अपनी फर्म की合法ता को साबित करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, तो यह पूरे उद्योग के लिए एक बड़ा मुद्दा बन जाता है। पुलिस अब इस मामले को गंभीरता से ले रही है और आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।