पाकिस्तानी ड्रोन हमले में बाप-बेटे ने पहले बचाया पशु-घर, फिर पहुंचे अस्पताल!

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**पाकिस्तान के ड्रोन अटैक में पंजाब परिवार ने दिखाई बहादुरी, सुखविंदर कौर की मौत ने गहराई दी संवेदनाओं को**

पंजाब के खाई फेमे गांव में एक परिवार ने पाकिस्तान के ड्रोन अटैक के दौरान भारी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपनी जान और संपत्ति को बचाने की अदम्य इच्छाशक्ति का प्रदर्शन किया। 9 मई को शाम करीब 9 बजे हुई इस घटना में परिवार के सदस्य एक घर के आंगन में बैठे थे, तभी अचानक एक ड्रोन का हिस्सा उनके पास गिर गया, जिससे तेज आवाज के साथ विस्फोट हुआ और आग लग गई। इस दर्दनाक घटना में परिवार के तीन सदस्य गंभीर रूप से झुलस गए, जिनमें सबसे गंभीर स्थिति सुखविंदर कौर की थी, जो बाद में अस्पताल में जिंदगी की जंग हार गईं।

घटना के समय, लखविंदर सिंह, सुखविंदर कौर और उनका बेटा जसवंत सिंह खाने के बाद आराम करने के लिए आंगन में बैठे थे। अचानक हुए धमाके ने उन्हें घेर लिया और उनके कपड़ों में आग लग गई। इसी दौरान, जसवंत ने बिना किसी देरी के पानी की मोटर चलाकर आग बुझाने की कोशिश की। बावजूद इसके, उनकी माताजी सुखविंदर कौर के टांगों में गंभीर जलने के घाव हो गए। पड़ोसी जब पहुँचे, तब सुखविंदर कौर की हालत देखकर तुरंत उन्हें नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश उन्होंने दम तोड़ दिया।

परिवार के अन्य सदस्यों की हालत भी चिंताजनक थी। लखविंदर सिंह 70 फीसदी झुलस गए थे और उन्हें DMC लुधियाना के बर्न यूनिट में भर्ती किया गया। वहीं, जसवंत की हालत स्थिर बताई जा रही है। इस बीच, घटना के बाद संबंधित प्रशासन ने परिवार को जितनी भी मदद उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है, उसे लेकर स्थानीय लोगों ने धरना प्रदर्शन किया। सुखविंदर की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्होंने उचित मुआवजे की मांग की।

सुखविंदर कौर की असामयिक मृत्यु ने पूरे गांव को आंसू में डुबो दिया। शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) और अन्य सिख जत्थेबंदियों ने राज्य सरकार से मांग की है कि पीड़ित परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए। इसके अलावा, प्रशासन ने परिवार को मुख्यमंत्री आपात निधि के तहत 5 लाख रुपए और सांसद निधि से भी 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की है। हालाँकि, परिवार ने नौकरी की मांग को भी उठाया है ताकि वे इस कठिन समय में जीवनयापन कर सकें।

यह घटना भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव का एक और ज्वलंत उदाहरण है, जिसमें न केवल संपत्ति बल्कि निर्दोष लोगों की जान भी जा रही है। स्थानीय समुदाय ने एक जुट होकर इस परिवार की मदद के लिए आगे आया है, जो इस दुर्दशा में उनकी ताकत बनता है। सुखविंदर कौर की वीरता और परिवार की एकता ने इस संकट में अपने जीवन की सुरक्षा की अद्भुत मिसाल पेश की है, जिसे हमेशा याद रखा जाएगा।