जातिगत जनगणना स्वागतयोग्य और ऐतिहासिक कदम : विजय
रांची, 1 मई (हि.स.)। जातिगत जनगणना स्वागतयोग्य और ऐतिहासिक कदम है। यह बातें आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष ने विजय शंकर नायक ने कही। उन्होंने गुरुवार को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह जनगणना न केवल सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को उजागर करेगी, बल्कि नीति निर्माण, संसाधन वितरण और आरक्षण की नीतियों को और अधिक प्रभावी बनाने में भी सहायक होगी। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना का महत्व जातिगत जनगणना के आंकड़े अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग समुदायों की वास्तविक स्थिति को सामने लाएंगे। यह शिक्षा, रोजगार, और सरकारी योजनाओं में उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करने में मदद करेगा। साथ ही, यह उन समुदायों की पहचान करेगा जो अभी भी सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित हैं, जिससे लक्षित नीतियां बनाई जा सकेंगी।
नायक ने कहा कि हम इस अवसर पर उन क्षेत्रीय दलों और नेताओं लालू प्रसाद यादव, अखिलेश यादव और सामाजिक संगठन बामसेफ को श्रेय जाता है जिन्होंने दशकों तक इस मांग को जीवित रखा। बिहार में 2023 के जातिगत सर्वेक्षण ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय पटल पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन नेताओं और संगठनों की जमीनी लड़ाई ने सरकार को यह कदम उठाने के लिए विवश किया।
—————