**महेश आनंद की अज्ञात दास्तान: मुंबई के एक सफल विलेन की त्रासदी**
9 फरवरी 2019 को, मुंबई के वर्सोवा स्थित किनारा अपार्टमेंट में महेश आनंद का शव पाया गया। लंबे समय से बीमारी के कारण महेश की एक्टिंग करियर की चमक फीकी पड़ गई थी। महेश, जो कभी हिंदी सिनेमा के फेमस विलेन रहे थे, अब आर्थिक तंगी और अकेलेपन की दुष्कर परिस्थितियों में जी रहे थे। उन्हें काम नहीं मिल रहा था और घर की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि उन्हें खाने के लिए भी तरसना पड़ रहा था। उनकी बहन ने उन्हें टिफिन भिजवाने का इंतजाम किया हुआ था, लेकिन इसके अलावा कोई सहायता नहीं मिलने के कारण पड़ोसी उनकी समस्याओं को देख रहे थे।
पड़ोसियों ने जब महेश के दरवाजे पर टिफिन इकट्ठा होते देखा, तो उनकी चिंताओं ने उन्हें खींच लिया। जब उन्होंने दरवाजे पर पहुंचकर स्थिति का अवलोकन किया, तो भयानक गंध ने उन्हें अनहोनी के एहसास के लिए मजबूर किया। पुलिस को सूचित करने पर, दरवाजा तोड़ने के बाद जो दृष्य सामने आया, वह बेहद डरावना था। महेश की लाश सोफे पर पड़ी थी, और चारों ओर बिखरी शराब और खाना सड़ चुका था। यह स्पष्ट था कि वह कई दिनों से अकेले पड़े थे और किसी ने उनकी कठिनाईयों का ध्यान नहीं रखा था।
महेश आनंद का जीवन एक फिल्म की कहानी जैसा था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक बैकग्राउंड डांसर के रूप में की थी और जल्द ही विलेन के तौर पर पहचाने जाने लगे। 80 और 90 के दशक में वह कई सुपरहिट फिल्मों में नजर आए, जिनमें अमिताभ बच्चन और संजय दत्त जैसे बड़े सितारे शामिल थे। हालांकि, इससे पहले कि वह अपने करियर की ऊंचाई पर पहुंचते, उनकी जिंदगी में कई संकट आने लगे।
महेश की पारिवारिक जिंदगी भी संघर्षों से भरी रही। उनकी तीन शादियाँ हुईं, लेकिन सभी में असफलता मिली। उनकी दूसरी पत्नी ने उन्हें छोड़ दिया जबकि तीसरी शादी भी ज्यादा समय नहीं चल पाई। आर्थिक समस्याएँ और व्यक्तिगत असफलताओं ने उन्हें गहरे डिप्रेशन में धकेल दिया। इसके साथ ही, उन्होंने शराब की लत भी ले ली, जो उनकी जीवनशैली को और भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करने लगी।
हालाँकि 2018 में उनकी जिंदगी में एक उम्मीद का किरण आई जब उनकी शादी रूस की लाना से हुई। लेकिन महेश का करियर सही दिशा में नहीं बढ़ रहा था और उनकी मानसिक स्थिति और बिगड़ती गई। फिल्म “रंगीला राजा” में एक छोटी सी भूमिका प्राप्त करने के बाद, वह अपने करियर में फिर से सफल होने की उम्मीद लगा रहे थे। लेकिन फिल्म रिलीज होने के बाद उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं आया। इसके मात्र 22 दिन बाद, महेश का अचानक निधन हो गया।
महेश के निधन से उनके जीवन के अनकहे पहलुओं का पर्दाफाश हुआ। उनकी मौत को प्राकृतिक मौत मानते हुए कहा गया, कि उन्होंने आत्महत्या नहीं की थी। उनकी पत्नी लाना ने अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी ली और महेश की जिंदगी की कहानी एक करुणाजनक मोड़ पर समाप्त हुई। इस tragic दास्तान ने हमें यह सोचने पर मजबूर किया कि फेम और धन सच्चे सुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते। महेश आनंद की कहानी एक चेतावनी है कि हमें हमेशा अपने आस-पास के लोगों का ध्यान रखना चाहिए, खासकर जब वे कठिनाइयों का सामना कर रहे हों।