कोटपा अधिनियम 2003 के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु मंडी में जिला टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक आयोजित

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कोटपा अधिनियम 2003 के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु मंडी में जिला टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक आयोजित

मंडी, 30 मई (हि.स.)। सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 (कोटपा) के प्रभावी क्रियान्वयन, निगरानी और जनजागरूकता को लेकर मंडी जिले में गठित जिला टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त मंडी रोहित राठौर ने की। बैठक का उद्देश्य जिले में कोटपा अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों की अनुपालना की स्थिति की समीक्षा करना तथा इसके बेहतर क्रियान्वयन के लिए संबंधित विभागों के बीच समन्वय स्थापित करना था।

अतिरिक्त उपायुक्त रोहित राठौर ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में स्थित दुकानों की विशेष निगरानी की जाएगी और यदि कोई दुकानदार उक्त क्षेत्र में तंबाकू उत्पाद बेचते हुए पाया गया तो उसके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी उपमंडल अधिकारियों, पुलिस और नगर निकाय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे नियमित रूप से निरीक्षण करें ताकि इस अधिनियम का उल्लंघन न हो सके। रोहित राठौर ने सभी अधिकारियों से आह्वान किया कि वे “तंबाकू मुक्त मंडी” के निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं।

उन्होंने कहा कि यह केवल एक कानूनी पहल नहीं, बल्कि समाज के स्वास्थ्य और भविष्य की सुरक्षा से जुड़ा हुआ विषय है, जिसमें सभी की सहभागिता अनिवार्य है।

तंबाकू मुक्त पंचायत को मिलेगा 5 लाख का पुरस्कार

अतिरिक्त उपायुक्त ने जानकारी दी कि यदि कोई ग्राम पंचायत स्वयं को नशा मुक्त घोषित करती है और मूल्यांकन में सफल रहती है तो उस पंचायत को 5 लाख रुपये का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। पंचायत द्वारा आत्म मूल्यांकन के बाद विभिन्न समितियों द्वारा जांच की जाती है और मानकों पर खरा उतरने पर पंचायत को एक वर्ष के लिए ‘तंबाकू मुक्त पंचायत’ घोषित किया जाता है। उन्होंने जिला में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को पूर्ण प्रभावी रूप से कार्यान्वित करने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को 31 मई की समय सीमा निर्धारित करते हुए सभी शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त संस्थान घोषित करने के ‘सेल्फ सर्टिफिकेशन’ प्रमाण पत्र की प्रक्रिया पूरी कर संबंधित चिकित्सा अधिकारी को प्रेषित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में बताया गया कि अब तक जिले में कोटपा अधिनियम के अंतर्गत 755 चालान किए जा चुके हैं और कुल 76,400 रुपये का जुर्माना वसूला गया है। तंबाकू उत्पादों की बिक्री के लिए दुकानों का पंजीकरण अनिवार्य है। कोई भी दुकानदार बिना पंजीकरण के तंबाकू उत्पादों का व्यापार नहीं कर सकता है। बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि 31 मई को अंतरराष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर जिले के सभी शिक्षण संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में पोस्टर निर्माण, क्विज, रैली और नारा लेखन जैसी गतिविधियाँ शामिल होंगी। छात्रों को तंबाकू उत्पादों के उपयोग या सेवन न करने की शपथ भी दिलाई जाएगी।

रोहित राठौर ने कहा कि स्कूली बच्चों और युवाओं में नशे की आदत लगने की संभावना अधिक होती है, इसलिए सभी शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाना अत्यंत आवश्यक है। यदि युवावस्था में ही तंबाकू सेवन को रोका जाए तो व्यक्ति जीवन भर इससे दूर रह सकता है।

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