पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग करते हुए देश के अलग-अलग स्थानों पर विहिप का प्रदर्शन
नई दिल्ली, 19 अप्रैल (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में हिंदू समुदाय के खिलाफ व्यापक हिंसक घटनाओं के विरोध में विश्व हिंदू परिषद् (विहिप) के राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के दौरान शनिवार को देश के अलग-अलग स्थानों पर कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। विहिप ने आज दिल्ली के नांगलोई जिला में जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को ज्ञापन सौंपा। इसमें हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार और उत्पीड़न की घटनाओं के कारण पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की गई है।
विहिप अंतरराष्ट्रीय महामंत्री बजरंग बांगड़ा ने इस अवसर पर कहा कि बंगाल में आज हिन्दुओं की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। बंगाल में वक्फ का बहाना बनाकर हिंसा की जा रही है। जबकि यह कानून मुसलमानों के सामाजिक कल्याण के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि बंगाल में घर जलाए गए, दुकानें लूटी गईं, मवेशी छीन लिए गए और बहु-बेटियों की इज्जत को खतरे में डाला गया। राज्य सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है और इसके किसी मंत्री या मुख्यमंत्री ने अब तक पीड़ित परिवारों से मुलाकात नहीं की है। वहां के पीड़ित परिवारों को अपनी जान बचाने के लिए पलायन करना पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के संरक्षण में यह प्रायोजित हिंसा हो रही है। राज्य सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण कानून व्यवस्था बनाए रखने में असमर्थ है।
विभिन्न स्थानों पर विहिप का प्रदर्शन, ज्ञापन सौंपे
शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में विहिप के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन के नेतृत्व में राज्य के राज्यपाल के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया।
मथुरा (उप्र): भगवान् श्री कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में हुए प्रदर्शन में विहिप के केंद्रीय सह संगठन महा मंत्री विनायक राव देशपांडे ने प्रदर्शकारियों का नेतृत्व करते हुए जिलाधीश के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया गया।
नोएडा (उप्र): पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध विश्व हिन्दू परिषद-बजरंग दल नोएडा महानगर ने राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल की अगुवाई में नोएडा के सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पश्चिम बंगाल की वर्तमान भयावह स्थिति का शीघ्र संज्ञान लेते हुए राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करनी चाहिए क्योंकि वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर मूकदर्शक बनी हुई हैं, संवैधानिक पद पर रहते हुए एक पक्ष की सहायक बनी हुई हैं और तुष्टीकरण की राजनीति कर रही हैं जिसके कारण राज्य के लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति पूर्णतया खराब हो चुकी है।
विहिप कार्यकर्ताओं ने देशभर में अलग-अलग स्थानों पर प्रदर्शन कर अपनी मांगों को राष्ट्रपति तक पहुंचाने का प्रयास किया। विहिप का मानना है कि हिंदुओं के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए और कानून व्यवस्था को बहाल किया जाए।
ज्ञापन में की गई मांग-
1. पश्चिम बंगाल में अविलंब राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
2. पश्चिम बंगाल की हिंसा की जांच एनआईए के द्वारा कराई जाए और दोषियों को अविलंब दंडित किया जाए।
3. पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय सुरक्षा बलों के हाथ में दिया जाए।
4. बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनको देश से निष्कासित किया जाए तथा पश्चिम बंगाल से सटी बांग्लादेश की 450 किलोमीटर की सीमा पर कंटीले तार लगाने का काम अविलंब प्रारंभ किया जाए।
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