पहलगाम में हुआ बड़ा हादसा: 12वीं टॉपर आयुष बोले- बिना ट्यूशन, सोशल मीडिया से दूर रहकर खुद की पढ़ाई!

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हाल ही में लखनऊ में यूपी बोर्ड की 12वीं परीक्षा में टॉप करने वाले आयुष कुमार मौर्य के बारे में मिली जानकारी ने सबको प्रभावित किया है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उनके विचारों ने विशेष ध्यान आकर्षित किया है। आयुष, जो IIT से इंजीनियरिंग करने और इसके बाद IAS बनने का सपना देखते हैं, ने यह कहा कि अब चुप रहने का समय नहीं है और देश को उचित जवाब देने की जरूरत है। उनके पिता अजय पाल मौर्य एक ग्राम प्रधान हैं, जबकि उनकी मां मंजू देवी गृहणी हैं। किसी भी प्रकार की कोचिंग के बिना, केवल सेल्फ स्टडी के बल पर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है।

आयुष ने दैनिक भास्कर के साथ बातचीत में बताया कि उन्होंने 92.8% अंक प्राप्त किए हैं। उनके विषयवार प्राप्तांक में मैथ्स में 95, हिंदी में 95, कंप्यूटर में 99, केमिस्ट्री में 89 और फिजिक्स में 86 अंक शामिल हैं। जब उनसे फिजिक्स और केमिस्ट्री में थोड़े कम अंक प्राप्त करने का कारण पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने परीक्षा में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया लेकिन शायद तैयारी और अधिक अच्छी तरह करनी चाहिए थी। इस बात का ध्यान रखते हुए, उन्होंने अपने प्रयासों में सुधार करने का वचन दिया।

आयुष ने आगे बताया कि वह विज्ञान स्ट्रीम में पढ़ाई कर रहे हैं और उनका मुख्य लक्ष्य इंजीनियरिंग के बाद सिविल सर्विसेज में जाना है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पहलगाम में हुई हालिया आतंकवादी घटना ने उन्हें अपने देश के लिए कुछ करने को प्रेरित किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को इस गंभीर मुद्दे पर कड़े कदम उठाने चाहिए। उनका मानना है कि इस बार की घटना काफी बड़ी है और अब ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।

परिवार के बारे में बात करते हुए, आयुष ने कहा कि उनकी सफलता में उनके माता-पिता और दादा का बड़ा योगदान है। उन्होंने यह भी बताया कि अध्ययन के दौरान उन्हें अपने शिक्षकों से भरपूर प्रोत्साहन मिला और उन्होंने किसी भी प्रकार की बाधाओं से दूर रहने का प्रयास किया। आयुष ने यह भी साझा किया कि उनकी पढ़ाई में नियमितता और अनुशासन ने उन्हें सफलता पाने में काफी मदद की। उन्होंने कहा कि रोजाना स्कूल जाकर, रिवीजन के साथ-साथ मॉकशीट हल करने से उन्हें परीक्षा में सफलता मिली।

आयुष ने मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के प्रभाव पर भी विचार किया। उन्होंने बताया कि वे सोशल मीडिया से पूरी तरह दूर थे और ऑनलाइन अध्ययन के दौरान भी केवल जब आवश्यक हो तब ही स्क्रीन का उपयोग करते थे। अंत में, उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे नियमित कक्षाओं में भाग लें और अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें। उनका मानना है कि यदि छात्र अपने शिक्षकों और खुद पर विश्वास रखते हैं, तो वे निश्चित रूप से सफलता प्राप्त कर सकते हैं।