डा. ​बिंदेश्वर पाठक ने महात्मा गांधी के ‘स्वच्छता ही सेवा के विचार को मूर्त रूप दिया: राजनाथ सिंह

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डा. ​बिंदेश्वर पाठक ने महात्मा गांधी के ‘स्वच्छता ही सेवा के विचार को मूर्त रूप दिया: राजनाथ सिंह

‘सुलभ इंटरनेशनल’ के संस्थापक डाॅ. बिंदेश्वर पाठक की प्रतिमा का रक्षा मंत्री ने किया अनावरण

लखनऊ, 20 अप्रैल (हि.स.)। लखनऊ के सांसद व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को लखनऊ में ‘सुलभ इंटरनेशनल’ के संस्थापक स्वर्गीय डाॅ. बिंदेश्वर पाठक की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी के ‘स्वच्छता ही सेवा’ के विचार को मूर्त रूप देने का काम डाॅ. बिंदेश्वर पाठक ने किया। डा. पाठक की स्थापित संस्था ‘सुलभ इंटरनेशनल’ ने न केवल लाखों लोगों को स्वच्छता का अधिकार दिलाया बल्कि उनके लिए सम्मानजनक जीवन की राह भी खोली।

राजनाथ सिंह ने कहा कि डाॅ. बिंदेश्वर पाठक केवल एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक आन्दोलन थे। वे दूरदर्शी सामाजिक उद्यमी थे। जिन्होंने भारत के स्वच्छता परिदृश्य को नई दिशा दी। उन्होंने यह साबित किया कि यदि सेवा का भाव सच्चा हो तो समाज में गहराई तक बदलाव लाया जा सकता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि डाॅ. बिंदेश्वर पाठक खुले में शौचालय की जीवनशैली के विरुद्ध थे। सामुदायिक शौचालयों का निर्माण यह सामाजिक क्रांन्ति थी। वह एक सामाजिक आन्दोलन की शुरूआत कर एक अमानवीय प्रथा से लोगों को निजात दिलाने का काम किया। गांधी का नाम बहुल लोग लेते हैं, लेकिन महात्मा गांधी के बताये रास्ते पर चलने वाले बिरले लोग ही मिलेंगे।

रक्षा मंत्री ने कहा कि पाठक ने समाज में बदलाव और लोगों की सोच बदलने का काम किया। सामाजिक भेदभाव को दूर करने के लिए सुलभ इंटरनेशनल का काम किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से शौचालय की बात कर सुलभ इंटरनेशनल को मान्यता देने का काम किया। स्वच्छ भारत मिशन के शुरू होने के बाद 95 फीसदी से अधिक गांव ओडीएफ प्लस घोषित हो गए हैं। इसमें बिंदेश्वर पाठक की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

कार्यक्रम के बाद राजनाथ सिंह लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल से मिलने उनके आवास पहुंचे। शनिवार को एक कार्यक्रम में महापौर के पैर में मोच आ गयी थी।

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, एमएलसी मुकेश शर्मा, एमएलसी रामचन्द्र प्रधान, विधायक डाॅ. नीरज बोरा, नित्या पाठक, पंकज जैन व फतेह बहादुर सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।