गुमला के आदिवासियों ने किया टावर चौक जाम, फूंका हेमंत सोरेन का पुतला
gumla, Jhark 27 अप्रैल (हि.स.)। रांची के सिरमटोली स्थित सरना स्थल गेट के समीप फ्लाईओवर के रैम्प को उतारे जाने
को लेकर गुमला के आदिवासियों ने रविवार की संध्या टावर चौक को जाम कर दिया। इसके
बाद उन्होंने नारेबाजी करते हुए झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन का फुतला फूंका। इस
मौके पर आदिवासी नेताओं ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर तीन महीने से आदिवासी समाज
आंदोलनरत है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इशारों पर शनिवार की रात 11:00 बजे पुलिस
बल के साथ रैम्प के कार्य को फिर से चालू कर दिया गया है। इसी के विरोध में आज
पालकोट रोड पाठ स्थल होते हुए टावर चौक में हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया गया। आदिवासी
कार्यकर्ता अजय टोप्पो ने कहा कि हेमंत
सोरेन निरंकुश हो कर अपनी मनमानी कर रहे हैं। बहा लिंडा ने कहा कि झारखण्ड सरना मसना का मिटना मतलब
आदिवासी समाज का अस्तित्व मिटना है। नेल्सन भगत ने कहा कि आज झारखंड का सबसे बड़ा
सरना स्थल केंद्रीय सरना स्थल को सरकार एक चुटकी में मिटा सकती है तो उसके लिए
गांव पंचायत के सरना स्थल को मिटाना कोई बड़ी बात नहीं। सरहुल के शोभायात्रा से ही
हमारे प्रमुख पर्व सरहुल की पहचान आज देश-विदेश में है और सरना माता और आदिवासियों
की एकता और ताकत को सरकार तोड़ने में लगी है। ये तो आग की चिंगारी है । अगर हमारी
मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आदिवासी समाजझारखंड राज्य की सत्ता बदल देगी। देवेंद्र लाल उरांव ने कहा कि झारखंड
सरकार विकास के नाम पर आदिवासियों के धर्म संस्कृति धरोहर को मिटा रही है । बंदूक
के नोक के दम पर सरकार सिरम टोली फ्लाईओवर के काम को फिर से शुरू की है। इसे
आदिवासी समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा । आने वाले समय में चोट का जवाब जनता वोट से
देगा। सुबोध उरांव ने कहा कि हम विकास विरोधी नहीं हैं लेकिन हम अपने सरना मसना के
साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे। मौके पर सुनील उरांव, चन्द्रदेव उरांव, राजू उरांव, विकास
उरांव, नितेश उरांव, पुष्पा उरांव, विश्वनाथ उरांव, प्रमिला उरांव, रवि उरांव,
बिनोद मिंज आदि प्रमुख लोगों के अलावा बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के
युवक-युवतियां मौजूद थे।
—————