यूपी कॉन्स्टेबल भर्ती: हाईकोर्ट में उठी मेडिकल प्रक्रिया पर बवाल, आवेदकों की संख्या बढ़ाने की मांग!

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उत्तर प्रदेश आरक्षी सीधी भर्ती 2023 के तहत कुल 60,244 पदों के लिए मेडिकल परीक्षा का आयोजन किया गया है, लेकिन इस संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। याचिकाकर्ता रोहित कुमार का कहना है कि मौजूदा प्रणाली में केवल 60,244 अभ्यर्थियों को ही मेडिकल परीक्षा में शामिल करने से पूरी प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। उनका तर्क है कि कई अभ्यर्थी मेडिकल परीक्षा में सफल नहीं हो पाते और इस कारण से सभी पदों को भरना संभव नहीं है।

रोहित कुमार के अनुसार, यदि केवल 60,244 अभ्यर्थियों को ही परीक्षा में शामिल किया जाएगा, तो जो लोग असफल होंगे, उनकी सीटें सुरक्षा के रूप में कैरी फॉरवर्ड कर दी जाएंगी। यह समस्या तब और बढ़ जाती है जब देखा जाता है कि अभ्यर्थियों की संख्या सीमित हो जाती है और कई ऐसे प्रतिभागी रह जाते हैं जिनका नाम सूची में नहीं होता। ऐसे में उन्हें मेडिकल परीक्षा से वंचित रहना पड़ता है। चूंकि प्रतीक्षा सूची का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए अनफिल्ड सीटें आगामी भर्ती प्रक्रिया में भी कैरी फॉरवर्ड नहीं की जा सकतीं।

याचिका के जरिए रोहित कुमार ने न्यायालय से अपील की है कि मेडिकल परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ाई जाए ताकि सभी योग्य एवं इच्छुक अभ्यर्थियों को अपने भाग्य को आजमाने का अवसर मिले। अगर अतिरिक्त अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किया गया, तो इसका परिणाम यह होगा कि भर्ती प्रक्रिया निष्फल हो जाएगी और बड़ी संख्या में युवा नौकरी से वंचित रह जाएंगे।

उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती की यह प्रक्रिया केवल भर्तियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लाखों युवाओं के भविष्य से जुड़ी हुई है। ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि प्रशासन इस मामले का गंभीरता से संज्ञान ले और एक उचित समाधान निकाले ताकि सभी प्रतिभागियों को समान अवसर मिले। कोर्ट में इस विषय पर सुनवाई का होना निश्चित रूप से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।

याचिका की सुनवाई और अदालत का आदेश इस बात का निर्धारण करेगा कि क्या भविष्य में अन्य अभ्यर्थियों को मेडिकल परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा या नहीं। सरकार को भी इस मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और समर्पण दोनों को सुनिश्चित किया जा सके, जिससे प्रदेश के युवाओं का भविष्य सुनिश्चित हो सके।