शुभम की मौत पर पत्नी का दिल दहला देने वाला विलाप, वीडियो वायरल!

Share

पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने एक बार फिर देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दिन कानपुर निवासी शुभम द्विवेदी को निशाना बनाया गया। शुभम की शादी केवल 68 दिन पहले हुई थी, और अब उनकी पत्नी को अचानक इस दुखद स्थिति का सामना करना पड़ा। शुभम की पत्नी के सामने उनका जीवनसाथी अचानक इस दुनिया से चला गया, जिससे परिवार में शोक का गहराई से संचार हो गया है।

जब शुभम का शव उनके घर पर लाया गया, तो पत्नी की चीखें गूंज उठीं। यह दृश्य अत्यंत भावनात्मक था। शुभम की पत्नी ने अपने पति की शर्ट पहन रखी थी और वह इसे छोड़ने को तैयार नहीं थीं। उन्होंने पति के शव को अपने अंक में लिया, और फिर फूट-फूटकर आंसू बहाने लगीं। उनकी यह स्थिति दर्शाती है कि कैसे एक परिवार के जीवन में अचानक दुख का पहाड़ टूट पड़ता है। शुभम की पत्नी बार-बार यह कह रही थीं कि “मुझे गोली क्यों नहीं मारी?” उनकी यह चिंता केवल एक पत्नी की नहीं, बल्कि एक भावनात्मक रिश्ते की गहराई को भी दर्शाती है।

शुभम का अंतिम संस्कार 48 घंटे बाद कानपुर में किया गया। यह प्रक्रिया भी बेहद कठिन थी, क्योंकि परिवार और करीबी दोस्तों के बीच दुख और अवसाद का माहौल था। शुभम के परिवार ने सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करने का प्रयास किया, लेकिन उनका मन अभी भी उस दर्द को सहन करने में असमर्थ था जो उनके परिवार पर टूट पड़ा था। इस tragédie ने न केवल शुभम के पूरे परिवार को प्रभावित किया, बल्कि यह पूरे समाज में एक गहरी सोच को जन्म देती है कि ऐसे आतंकी हमले कितने जीवन को प्रभावित कर सकते हैं।

इस घटना ने यह भी प्रश्न उठाया है कि क्या हम अपने सुरक्षा तंत्र को और मजबूत बना सकते हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। शुभम की पत्नी का यह दुख, यह अनकही सवाल, न केवल उनके जीवन को बदल रहा है, बल्कि यह समाज के हर नागरिक को भी झगझोरता है। उन्हें समझना होगा कि हर एक जिंदगी की कीमत होती है और हमें अपने देश के भीतर शांति और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।

इस घटना ने न केवल शुभम के परिवार को प्रभावित किया, बल्कि पूरे देश में शोक की लहर दौड़ा दी। शुभम की कहानी हमें यह याद दिलाती है कि हमें अपने समाज में होने वाले इस तरह के अपराधों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए। हमें अपने सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाए रखने एवं आतंकवाद के खिलाफ सजग रहने की जरूरत है, ताकि किसी और परिवार को ऐसा दर्द झेलना न पड़े।