सुप्रीम कोर्ट में आज रणवीर अलाहबादिया की पासपोर्ट याचिका पर सुनवाई!

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इंडियाज गॉट लेटेंट शो में रणवीर अलाहबादिया द्वारा पेरेंट्स पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद उन्हें कई कानूनी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर अपने पासपोर्ट की वापसी की मांग की थी। इस मामले की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में निर्धारित है। सूत्रों के अनुसार, कई स्थानों पर दर्ज शिकायतों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अलाहबादिया को गिरफ्तारी से राहत दी थी, लेकिन इसके लिए उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करना पड़ा था।

राज्य में शुरू हुए विवाद का कारण 8 फरवरी को समय रैना द्वारा जारी एक एपिसोड था, जिसमें रणवीर ने बिना सोचे-समझे पेरेंट्स पर अभद्र टिप्पणी कर दी थी। यह क्लिप वायरल होने के बाद न केवल रणवीर बल्कि शो के अन्य सदस्यों के खिलाफ भी अनेक शिकायतें दर्ज की गई थीं। रणवीर ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने आवेदन में कहा कि वह चाहते हैं कि शिकायतों की सुनवाई एक ही स्थान पर हो। इसके साथ ही उन्होंने अपनी गिरफ्तारी से राहत और मामले की शीघ्र सुनवाई की मांग की, यह कहते हुए कि उन्हें लगातार धमकियाँ मिल रही हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मामले की जांच की प्रगति रिपोर्ट मांगी थी। जस्टिस सूर्यकांत ने यह आशंका व्यक्त की कि यदि अलाहबादिया को बार-बार यात्रा करने की अनुमति दी जाती है, तो इससे जांच प्रभावित हो सकती है। रणवीर के वकील ने तर्क किया कि उनकी आय का साधन देश-विदेश की हस्तियों का इंटरव्यू करना है, जिस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जांच दो हफ्ते के भीतर पूरी कर ली जाएगी।

17 फरवरी को, जब उनकी याचिका पर सुनवाई हुई, अदालत ने उन्हें गिरफ्तारी से राहत प्रदान की, लेकिन साथ ही उन्हें फटकार भी लगाई। जज ने कहा कि उनका भाषाशैली बहुत विकृत है, जो न केवल अभिभावकों, बल्कि बेटियों और बहनों को भी शर्मिंदा करती है। कोर्ट ने यह भी निर्देश जारी किया कि अब इस मामले में उनके खिलाफ कोई नई शिकायत दर्ज नहीं की जाएगी।

इसके साथ ही, 3 मार्च को रणवीर अलाहबादिया को पॉडकास्ट शुरू करने की इजाजत दी गई, जिसमें उनके पहले गेस्ट इमरान हाशमी रहे। इंडियाज गॉट लेटेंट विवाद ने इसे दर्शाता है कि एक मजाक भी कितनी गंभीर कानूनी समस्याएं पैदा कर सकता है, जहां संदर्भ और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमाओं के अंदर रहना आवश्यक है। मामले की गहराई और इसके नतीजों ने पूरे मनोरंजन उद्योग में हलचल मचा दी है।