राज्य में बेहतर शिक्षा और रोजगार के अवसरों के लिए कुशल प्रबंधन की आवश्यकता: राधाकृष्ण किशोर

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राज्य में बेहतर शिक्षा और रोजगार के अवसरों के लिए कुशल प्रबंधन की आवश्यकता: राधाकृष्ण किशोर

रांची, 23 अप्रैल (हि.स.)। वित्त सह वाणिज्य कर मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि राज्य में बेहतर शिक्षा और रोजगार के अवसरों के लिए कुशल प्रबंधन की आवश्यकता है।

उन्होंने बताया कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के चलते राजस्व संग्रहण प्रभावित हुआ, फिर भी प्रयास संतोषजनक रहे हैं।

मंत्री ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में 1,06,999.57 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें से 92,189.10 करोड़ रुपये की वसूली हुई, जो कि 86.16 प्रतिशत है। वहीं, गैर-कर प्राप्तियों सहित कुल 1,03,469.82 करोड़ रुपये यानी बजट एस्टीमेट का 80.27 प्रतिशत प्राप्त हुआ है।

वित्त मंत्री किशोर बुधवार को सूचना भवन सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता बोल रहे थे। इस दौरान वित्त मंत्री के साथ वाणिज्य विभाग के सचिव अमिताभ कौशल और वाणिज्य कर आयुक्त अमीत कुमार भी मौजूद थे।

वित्त मंत्री ने कहा कि एफआरबीएम अधिनियम के तहत वर्ष 2025-26 में सभी विभागों को तीन महीने में एक बार राजस्व संग्रहण की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है और वे स्वयं छह महीने में एक बार इसकी समीक्षा करेंगे। राज्य के सभी प्रमंडलों का दौरा कर अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे, वहीं जो प्रमंडल पीछे होंगे, उन्हें विशेष निर्देश और सहायता दी जाएगी। पीएल अकाउंट में की राशि का विवरण सभी विभागों से मंगवाया गया है। पीएल अकाउंट में राशि जो 2010 से पार्क की गई है वह गलत है। इसपर हम पूरी संवेदनशीलता के साथ समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मईयां सम्मान योजना की राशि सरकार की ओर से सुनिश्चित की गई है। वहीं, राजस्व व्यय की जानकारी देते हुए बताया कि 1,31,234.42 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिनमें से 1,18,279.69 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

वित्त मंत्री ने भरोसा दिलाया कि राज्य के आर्थिक ढांचे को और मजबूत बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश होगी की हमारी सरकार का वित्तीय प्रबंधन पारदर्शी हो। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के सचिवों को निर्देश दिया गया है कि अप्रैल के अंत तक या फिर 7 मई तक योजनाओं के विरुद्ध जिलों को राशि आवंटित कर दी जाए ताकि विकास का काम बाधित ना हो ।

मंत्री ने कहा कि झारखंड सरकार के वाणिज्य कर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में निर्धारित लक्ष्य 26 हजार करोड़ रुपये के विरुद्ध 22292.25 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहण प्राप्त कर लिए हैं जो वार्षिक लक्ष्य का 85.74 फीसदी राजस्व संग्रहण है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल राजस्व संग्रह 26,500 करोड़ रुपया का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में एसजीएसटी के लिए राजस्व संग्रहण के निर्धारित लक्ष्य 15375 करोड़ के विरुद्ध 14210.10 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहण प्राप्त किया है जो वार्षिक लक्ष्य का 92.42 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में माल एवं सेवा कर अधिनियम के अधीन निबंधित कर-दाताओं की कुल संख्या 2,11,498 है।

मंत्री ने कहा कि वैट के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राजस्व सग्रहण का निर्धारित लक्ष्य 9124 करोड़ रुपये के विरूद्ध कुल 6618.51 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहण किया गया है जो वार्षिक लक्ष्य का 72.54 है। वर्तमान में मूल्यवर्द्धित कर अधिनियम के अधीन निबंधित व्यवसायियों की कुल संख्या 4149 है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 9310 करोड़ रूपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

पेशा कर अधिनियम के तहत वार्षिक लक्ष्य के विरुद्ध 116.36 प्रतिशत राजस्व किया गया प्राप्त

जेईडी के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राजस्व संग्रहण का निर्धारित लक्ष्य 1413 करोड़ रुपये के विरुद्ध कुल 1361.24 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहण किया गया है जो वार्षिक लक्ष्य का 96.34 निर्धारित किया गया है। वर्तमान में विद्युत शुल्क के अधीन निबंधित व्यवसायियों की कुल संख्या 267 है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1600 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जेपीटी के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राजस्व संगरहण का निर्धारित लक्ष्य 88 करोड़ रुपये के विरुद्ध कुल 102.40 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहण किया गया है जो वार्षिक लक्ष्य का 116.36 है। वर्तमान मे पेशा कर अधिनियम के अधीन निबंधित व्यवसायियों की कुल संख्या 33533 है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 90 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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