विवादित बयान पर BJP की दूरी, बांग्लादेश में हिंदू नेता की हत्या ने मचाई खलबली!

Share

**देश की राजनीति में उठे विवाद और घटनाएं**

नमस्कार, दैनिक घटनाक्रम में कल भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बयान ने राजनीति में हलचल मचा दी। उन्होंने देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि कोर्ट अपनी सीमा से बाहर जा रहा है। दुबे ने चेतावनी दी कि यदि कोर्ट कानून बनाने लगेगा तो संसद को बंद कर देना चाहिए। उनका यह अभिव्यक्ति सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए एक आदेश की पृष्ठभूमि में आया, जिसमें राज्यपाल को वीटो पावर से वंचित किया गया था। भाजपा ने हालांकि इस विवादास्पद बयान से किनारा करते हुए इसे सांसद का व्यक्तिगत बयान घोषित किया।

वहीं, दूसरी ओर, उद्धव और राज ठाकरे के बीच की खटास खत्म होती दिख रही है। दोनों भाइयों ने 19 साल बाद फिर से साथ आने के संकेत दिए हैं। राज ठाकरे ने यह स्वीकार किया कि राजनीतिक मतभेद छोटे हैं और उद्धव ने कहा कि उनकी ओर से कभी कोई झगड़ा नहीं था। 2005 में हुई राजनीति की ये दरारें अब शायद फिर से सुलझने के संकेत दे रही हैं, खासकर 2024 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर।

इस बीच, बांग्लादेश में एक बड़े हिंदू नेता की हत्या ने भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर चिंता जताई है। भाबेश चंद्र रॉय की पीट-पीटकर हत्या की गई, जिसके खिलाफ भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी निंदा की है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न एक पैटर्न में हो रहा है। यह घटनाएं वहां के राजनीति में हलचल का कारण बन सकती हैं, खासकर जब से शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से स्थिति और खराब हुई है।

कर्नाटक में एक और विवाद उत्पन्न हुआ है, जहां कुछ छात्रों को जनेऊ पहनने के कारण परीक्षा देने से रोका गया। शिक्षा मंत्री ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सभी धर्मों का सम्मान करने का आश्वासन दिया है। इस मामले में कर्नाटक ब्राह्मण महासभा ने भी धारा में केस दर्ज किया है, जिससे यह साफ है कि यह मुद्दा और भी बड़ा रूप ले सकता है।

दिल्ली में एक अन्य दुखद घटना में, एक चार मंजिला इमारत ढह जाने से 11 लोगों की जान चली गई, जिसमें से 8 एक ही परिवार के सदस्य थे। खासकर, नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) की टीम ने मलबे में फंसे लोगों को निकालने में 12 घंटे से अधिक समय बिताया। इस हादसे की वजह मौसम में अचानक बदलाव के साथ अवैध और जर्जर भवनों की स्थिति को जिम्मेदार ठहराया गया है।

इन सभी घटनाओं पर नजर रखते हुए, देश की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति की दिशा स्पष्ट हो रही है। समाज में उपजे विवाद और घटनाएं न केवल अभी के मुद्दों पर रोशनी डालती हैं बल्कि निकट भविष्य में होने वाले चुनावों और राजनीतिक गठबंधनों पर भी प्रभाव डालेंगी।