सीएम ने दिए मुस्तफाबाद हादसे की जांच के आदेश, दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई

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सीएम ने दिए मुस्तफाबाद हादसे की जांच के आदेश, दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई

-मुस्तफाबाद, सीलमपुर, जाफराबाद, सीमापुरी, जामिया और पुरानी दिल्ली जैसे इलाकों में अवैध निर्माणों की बाढ़ : कपिल मिश्रा-विधानसभा में बजट सत्र के दौरान मुस्तफाबाद में अवैध इमारतों का मुद्दा उठाकर मोहन सिंह बिष्ट ने इन पर कार्रवाई की मांग की थी

नई दिल्ली, 19 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र में चार मंजिला एक इमारत गिरने की घटना के जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। हादसे में चार की मौत हो गई और दस लोग गंभीर रूप से घायल हैं। अभी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। स्थानीय लोगों के मुताबिक इमारत में सबसे नीचे बीच की दीवार को हटाकर बड़ा हॉल बनाया जा रहा था।

मुख्यमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मुस्तफाबाद में इमारत गिरने के दर्दनाक हादसे से मन अत्यंत व्यथित है। घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत एवं बचाव कार्यों में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एडीआएफ), दिल्ली फॉयर सर्विस (डीएफएस) और अन्य एजेंसियां सतत रूप से जुटी हैं। सभी घायलों के समुचित उपचार की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिवारों को इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति दें।

दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने मुस्तफाबाद में घटना स्थल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सीधे राहत कार्यो को देख रहीं हैं। दिल्ली में मुस्तफाबाद, सीलमपुर, जाफराबाद, सीमापुरी, जामिया, पुरानी दिल्ली जैसे इलाकों में ऐसे अवैध निर्माणों की बाढ़ है। निगम आयुक्त को निर्देश दिया गया है कि आसपास की असुरक्षित इमारतों को खाली कराया जाए। किसी भी जिम्मेदार अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।

विधानसभा उपाध्यक्ष और स्थानीय विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने मौके पर पहुंचकर हादसे और बचाव कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि इलाके में 50, 60 एवं 100 गज के छोटे प्लॉट्स पर 5-6 मंजिला ऊंची इमारतें खड़ी कर दी गई हैं। पूरे इलाके में भवन निर्माण मानकों की अनदेखी हुई है। दिल्ली सरकार की ओर से केवल 3-4 मंजिला भवन तक की इजाजत दी गई है, जिसका उल्लंघन कर यहां ऊंची इमारतों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि संकरी गलियों और अव्यवस्थित ढांचों की वजह से राहत एवं बचाव कार्य परेशानी होती है।

बिष्ट ने कहा कि अवैध रूप से इलाके में बड़ी-बड़ी इमारतों की शिकायत उपराज्यपाल और दिल्ली नगर निगम के आयुक्त से कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र में भी मुख्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र में अवैध रूप से बनी बड़ी-बड़ी इमारतों का सवाल उठाया। बिष्ट ने विधानसभा में भवन निर्माण के उल्लंघनों की उच्चस्तरीय जांच कराने और निर्माण मानकों के खिलाफ बनी ऊपरी मंजिलों को तत्काल गिराने की मांग की। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता से इस मामले पर त्वरित संज्ञान लेने की मांग की थी।

दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि शनिवार तड़के करीब 2:50 बजे एक मकान ढहने की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही दमकल की छह गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। वहीं मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ को बुलाया गया है। बचाव कार्य अभी जारी है।

उत्तर पूर्वी जिले के एडिशनल संदीप लांबा ने बताया कि मलबे से बाहर निकाले गए 14 लोगों में से 4 की मौत हो गई है। मलबे में 8-10 लोगों के अभी भी फंसे होने की आशंका है। इमारत ढहने की घटना पर प्रत्यक्षदर्शी रशीद ने बताया कि यहां दो पुरुष, दो महिलाए, उनके परिवार और किराएदार रहते हैं। सबसे बड़ी बहू के तीन बच्चे हैं, दूसरी बहू के भी तीन बच्चे हैं। वे कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। रसीद ने बताया कि चार मंजिला इमारत में करीब 25 लोग रहते थे। कुछ लोगों को स्थानीय लोगों ने पहले ही निकाल लिया था। फिलहाल बचाव कार्य जारी है।

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