BHU: छात्रा के धरने पर पहुँचे कार्यवाहक वीसी, सीट पर दावेदार छात्र का भी धरना शुरू!

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वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी को लेकर छात्राओं और छात्र संगठनों का विरोध तेज हो गया है। हिन्दी विभाग की छात्रा अर्चिता सिंह ने गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए धरना-प्रदर्शन शुरू किया है। अर्चिता के इस संघर्ष को करणी सेना का भी समर्थन मिला है, जबकि दूसरी तरफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता भाष्करादित्य त्रिपाठी भी इस मुद्दे पर वीसी आवास के बाहर धरने पर बैठे हैं। यह घटनाक्रम विश्वविद्यालय की प्रशासनिक नीतियों और कार्य प्रणाली पर गंभीर सवाल उठा रहा है।

आंदोलन के दौरान, कार्यवाहक कुलपति प्रो. संजय कुमार ने धरना दे रही छात्रा से मुलाकात की और उसके साथ जमीन पर बैठकर उसकी समस्याएं सुनने का प्रयास किया। इससे पहले, हिन्दी विभाग के अध्यक्ष और अन्य अधिकारियों ने अर्चिता को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह अपनी मांगों पर अडिग रहीं और रातभर धरने पर बैठी रहीं। पिछले दिनों इस पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में छात्रों द्वारा लगाए गए आरोपों के चलते विश्वविद्यालय को आलोचना का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण अधिकारियों को शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी के सामने स्पष्टीकरण भी देना पड़ा।

अर्चिता ने कहा कि उसने पीएचडी में प्रवेश के लिए सभी आवश्यक प्रमाण पत्र समय पर जमा किए थे, लेकिन उसे प्रवेश नहीं दिया गया। उसका आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) प्रमाण पत्र पिछले वर्ष का था, जिसे उसने सही समय पर शपथपत्र दे कर नए प्रमाण पत्र की दृष्टि से डाक और ई-मेल से संलग्न किया था। बावजूद इसके, वह प्रतीक्षा सूची में पहली स्थान पर होने के बाद भी प्रवेश से वंचित रह गई। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से यह कहा गया कि अंडरटेकिंग या शपथ पत्र की कोई आवश्यकता नहीं थी, यद्यपि कई अन्य छात्रों ने समय पर अपने प्रमाण पत्र जमा किए थे।

इस बीच, भाष्करादित्य त्रिपाठी ने कहा कि विश्वविद्यालय की गलतियों का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ता है। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग में कुछ शिक्षक मिलकर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। वह इस मुद्दे पर विभाग के अधिकारियों को भी पत्र लिख चुके हैं। धरने पर मौजूद डीन ऑफ स्टूडेंट्स और अन्य अधिकारी भी उनकी बातों को सुनने पहुंचे, लेकिन त्रिपाठी ने स्पष्ट किया कि जब तक उन्हें एंट्रेंस का आश्वासन नहीं मिलता, वे धरना जारी रखेंगे।

इस पूरे प्रकरण में करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह रघुवंशी ने भी छात्रा का समर्थन किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनसे संवाद करने का प्रयास नहीं किया। रघुवंशी ने घोषणा की है कि यदि छात्रा का प्रवेश नहीं दिया गया, तो करणी सेना व्यापक आंदोलन करेगी। उनका कहना है कि बीएचयू प्रशासन को न्याय देना होगा और इस मामले को शीघ्रता से हल करने की आवश्यकता है। छात्रा का यह संघर्ष न केवल उसके अपने हक की लड़ाई है, बल्कि विश्वविद्यालय में संचालित प्रक्रियाओं की पारदर्शिता की भी मांग कर रहा है।