अखिलेश जब तक, योगी तक! महबूब के तीखे बोल, जानें विधानसभा का रोमांचक दृश्य!

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उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र अपने नौवें दिन में प्रवेश कर गया, और इस दौरान विधानसभा के एंट्री गेट पर गुटखा थूकने की घटना ने हंगामा खड़ा कर दिया। विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, “मैंने CCTV फूटेज में देखा है कि इस कार्य में एक विधायक शामिल है। अगर वह स्वयं आकर अपनी गलती स्वीकार कर लें, तो यह उचित होगा।” उनकी यह टिप्पणी विधानसभा में एक नई चर्चा को जन्म दे गई, जिसमें सदन की गरिमा की रक्षा के लिए सदस्यों की नैतिकता पर सवाल उठाए गए।

विपक्षी नेता माता प्रसाद पांडेय ने इस मौके का फायदा उठाते हुए सरकार पर जोरदार वार किया। उन्होंने सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली को लेकर तीखे सवाल उठाए, जिससे सदन में चर्चा एक नई दिशा में बढ़ी। उनके तीखे शब्दों ने विपक्ष के तेवर को और भी मजबूत किया। पांडेय ने सरकार को उस कार्रवाई के लिए कठघरे में खड़ा किया, जो स्पष्ट रूप से विधानसभा की गरिमा को कम करने वाली थी।

सपा विधायक महबूब अली ने सदन में शायरी पढ़कर माहौल को थोड़ा हल्का करने का प्रयास किया। उनकी शायरी ने एक समय के लिए सदन में हल्की-फुल्की हंसी की लहर दौड़ा दी, लेकिन इसके बावजूद घटना की गंभीरता को नहीं भूलना चाहिए। महबूब अली के प्रयास से विपक्षी पक्ष के सदस्यों ने थोड़ी देर के लिए आराम अनुभव किया, लेकिन दरबारी राजनीति के मौजूदा माहौल में ऐसा करना इतना सरल नहीं था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों पर काम कर रही है। उन्होंने अपनी बात रखते हुए विपक्ष से सकारात्मक संवाद और सहयोग की अपील भी की। इससे यह स्पष्ट हो गया कि योगी सरकार अपने कार्यों को लेकर आत्मविश्वास से भरी है और विपक्ष के आरोपों का सामना करने के लिए तैयार है।

इस सब के बीच, विधानसभा की कार्यवाही में यथार्थ की एक झलक देखने को मिली। इस गुटखा थूकने की घटना ने न केवल सदन की गरिमा को प्रभावित किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि राजनीतिक संवाद में नैतिकता और अनुशासन का कद्र होना जरूरी है। इस प्रकार की घटनाएं हमें यह समझाने के लिए पर्याप्त हैं कि राजनीति में कार्यशैली केवल कानूनों और नीतियों तक सीमित नहीं होती, बल्कि सदन की गरिमा और आचार-व्यवहार भी महत्वपूर्ण होते हैं।

इसके अलावा, इस घटना ने विधानसभा के सदस्यों के बीच एक नया संवाद आरंभ किया है, जो निश्चित रूप से राजनीतिक वातावरण को प्रभावित करेगा। आगामी समय में इस प्रकार की घटनाओं से सबक लेते हुए सभी सदस्यों को अपने आचार-विचार में सुधार लाना होगा, ताकि विधानसभा की गरिमा को बनाए रखा जा सके।